29-05-2014, 09:57 AM | #1 |
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हरिगीतिका छन्द
॰ ॰ ॰ ॰ ॰ बलवान है सुनिए वही जो, सोच का धनवान हो। जिसको झुका दुनिया न पाये, फर्ज की पहचान हो। वो धैर्य भी अपना न खोये, जो कभी अपमान हो। कुछ शान मेँ इतरा न जाये, या कभी सम्मान हो। हरिगीतिका- आकाश महेशपुरी Aakash maheshpuri पता- वकील कुशवाहा "आकाश महेशपुरी" ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश 09919080399 |
29-05-2014, 10:19 PM | #2 | |
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Re: हरिगीतिका छन्द
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
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31-05-2014, 11:28 AM | #3 |
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Re: हरिगीतिका छन्द
स्नेहिल शब्दोँ के लिए हार्दिक आभार। सादर नमन्।
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