19-08-2013, 07:40 PM | #1 |
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रुपए के गिरने का आम आदमी पर होगा ये 10 बड़ा असर
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 63.25 के स्तर पर आ गया। पिछले 1 महीने में रुपये में 3.5 फीसदी की गिरावट आई है। 2013 में अब तक रुपया 12.7 फीसदी लुढ़का है। इस बीच बीएसई के सभी इंडेक्स में जोरदार गिरावट हावी है। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स शेयरों की सबसे ज्यादा पिटाई हुई है। रियल्टी, बैंक, पावर, मेटल, कैपिटल गुड्स और पीएसयू शेयरों में बिकवाली से भी बाजार दबाव में हैं। दिग्गज शेयरों के साथ-साथ मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी कमजोरी का रुख है। बाजार में यह गिरावट अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से मिले खराब संकेतों के कारण है। सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद रुपए का गिरना और सोने का आयात कम नहीं हो रहा है। भारत की सोने की खपत जून की तिमाही में बढ़कर 310 टन हो गई, जो पिछले 10 साल में सबसे ज्*यादा है।
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19-08-2013, 07:41 PM | #2 |
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Re: रुपए के गिरने का आम आदमी पर होगा ये 10 बड़ा अस
कमजोर रुपए के चलते कारें होंगी महंगी
नई दिल्ली - रुपए के अवमूल्यन का असर कारों की कीमतों पर भी पडऩे का अंदेशा है। दरअसल, टोयोटा और जनरल मोटर्स समेत कई ऑटोमोबाइल कंपनियों ने कमजोर रुपए को देखते हुए वाहन मूल्यों में बढ़ोतरी का विकल्प खुला रखा है। टाटा, बीएमडब्लू समेत कई कंपनियां पहले ही कारों के दाम बढ़ाने के संकेत दे चुकी हैं। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स ने भी जानकारी दी थी कि अगर रुपए का लुढ़कना जारी रहा तो हम अपनी कारों की कीमतें बढ़ाने पर विवश हो जाएंगे।'
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19-08-2013, 07:42 PM | #3 |
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Re: रुपए के गिरने का आम आदमी पर होगा ये 10 बड़ा अस
आयात महंगा
रुपया कमजोर होने पर आयात महंगा होगा, क्योंकि अब हम एक डॉलर के बदले पहले से अधिक रुपए चुकाएंगे। वाहन: देश की अधिकांश ऑटो कंपनियां किसी विदेशी पार्टनर के साथ काम करती हैं। गाड़ियों के कंपोनेंट महंगे होंगे तो वाहन भी महंगे हो जाएंगे। इलेक्ट्रॉनिक आयटम: इलेक्ट्रॉनिक आयटम या उनके कंपोनेंट भी विदेश से आयातित हाते हैं। ये भी महंगे हो जाते हैं। फर्टिलाइजर: देश के कुल फर्टिलाइजर खपत का 50-55 फीसदी हिस्सा हम आयात करते हैं। यह महंगा होगा तो किसानों के लिए दिक्कतें बढ़ेंगी। मेडिसिन: मेडिसिन या उनमें इस्तेमाल होने वाले प्रोडक्ट्स का भी बड़े पैमाने पर आयात होता है। इससे दवाइयां महंगी होंगी, आम लोगों की दिक्कतों में इजाफा होगा।
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19-08-2013, 07:43 PM | #4 |
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Re: रुपए के गिरने का आम आदमी पर होगा ये 10 बड़ा अस
तेल महंगा होगा
हम अपनी जरूरत का लगभग 75 फीसदी तेल आयात करते हैं। कुछ पैसों का फर्क भी करोड़ों रुपए का भार बढ़ा देता है। बढ़ेगी महंगाई: तेल की कीमतों का मुद्रास्फीति से सीधा संबंध है। खासकर डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होते ही मुद्रास्फीति की दर बढ़ जाती है। कर्ज महंगे: मुद्रास्फीति आम लोगों के साथ-साथ बैंकिंग सेक्टर पर भी सीधे असर डालती है। इससे घरेलू कर्ज सहित अन्य तमाम कर्ज भी महंगे हो जाते हैं। इससे आम लोगों से लेकर इंडस्ट्री तक पर सीधा असर पड़ता है। निर्माण सेक्टर संकट में: देश की जीडीपी में इसका लगभग 6 फीसदी हिस्सा है। इसके संकट में आने पर देश की अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ता है।
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19-08-2013, 07:43 PM | #5 |
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Re: रुपए के गिरने का आम आदमी पर होगा ये 10 बड़ा अस
घटेगा विदेशी निवेश
विदेशी निवेशकों के रिटर्न में कमी आती है। इससे वे देश में निवेश करने में कतराने लगते हैं। दिक्कत में कंपनियां: विदेशी निवेश कम होने से इंपोर्ट डिपेंड इंडस्ट्री को दिक्कत होगी। इससे उनकी प्रोडक्शन कॉस्ट और ऑपरेशन कॉस्ट भी काफी बढ़ जाती है। चुकाना होगा अधिक लोन: जिन कंपनियों ने 2008 में जो विदेशी लोन 39 रुपए के हिसाब से लिया था, 2012 में 56 रुपए के हिसाब से उसे चुकाया। नौकरियों में कमी: लोन ज्यादा चुकाने से कंपनियों की लागत बढ़ जाती है। इससे कंपनियां अपने खर्च को कम करने के लिए स्टाफ में कमी करती हैं। इससे बेरोजगारी की स्थिति और गंभीर होती है।
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19-08-2013, 07:44 PM | #6 |
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Re: रुपए के गिरने का आम आदमी पर होगा ये 10 बड़ा अस
किन-किन को होता है लाभ?
एनआरआई: एनआरआई विदेशों में डॉलर में कमाते हैं और जब उनके रिश्तेदार या घर वाले भारत में करेंसी एक्सचेंज करते हैं तो अधिक रुपए मिलते हैं। एक्सपोर्टर्स: एक्सपोर्टर को एक्सपोर्ट करने पर जो डॉलर मिलते हैं, उनका देश में एक्सचेंज होने पर उन्हें अधिक रुपए मिलते हैं। टूरिज्म इंडस्ट्री: रुपया गिरने से विदेशी पर्यटकों को भारत आने पर कम डॉलर खर्च करने पड़ते हैं, जिससे टूरिज्म इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलता है।
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19-08-2013, 07:45 PM | #7 |
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Re: रुपए के गिरने का आम आदमी पर होगा ये 10 बड़ा अस
क्यों गिरता है रुपया?
डिमांड सप्लाई रूल: रुपए के मूल्य में गिरावट में अर्थव्यवस्था का सामान्य सा ‘डिमांड एंड सप्लाई’ का सिद्धांत काम करता है। यानी जब हमारे देश में डॉलर की डिमांड उसकी सप्लाई से ज्यादा होती है तो हमारे रुपए का अवमूल्यन होता है। वहीं, जब डिमांड की तुलना में डॉलर की सप्लाई ज्यादा होती है तो रुपए को मजबूती मिलती है। एक्सपोर्ट कम होना: जब किसी कारण से अधिक निर्यात (एक्सपोर्ट) नहीं कर पाते हैं तो डॉलर की आवक देश में कम हो जाती है। जो वस्तु निर्यात करते हैं, उसके बदले डॉलर में पेमेंट लेते हैं। जब निर्यात कम होता है तो डॉलर भी कम मिलेंगे। यानी उसकी सप्लाई कम हो जाएगी। रुपया कमजोर होगा। विदेशी संस्थागत निवेशक: विदेशी संस्थागत निवेशक जब देश के स्टॉक मार्केट से अपनी पूंजी खींच लेते हैं, तब देश में आने वाला डॉलर बाहर चला जाता है। डॉलर की सप्लाई की तुलना में डिमांड बढ़ जाती है। एफडीआई की कमी: एफडीआई यानी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में कमी होने से भी डॉलर देश में कम आएगा। यानी सप्लाई की तुलना में डिमांड में बढ़ोतरी हो जाती है। कच्चे तेल की कीमत: तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर में होती है। जब तेल की कीमत बढ़ती है तो इसके इंपोर्ट के बदले अधिक डॉलर चुकाने पड़ते हैं। तब डॉलर की कमी हो जाती है, यानी सप्लाई की तुलना में डॉलर की मांग बढ़ जाती है।
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19-08-2013, 07:45 PM | #8 |
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Re: रुपए के गिरने का आम आदमी पर होगा ये 10 बड़ा अस
राजकोषीय घाटा भी बड़ा कारण
राजकोषीय घाटा भी रुपए के कमजोर होने का एक बड़ा कारण है। इसे इस तरह से समझा जा सकता है। यदि हम एक साल में दो लाख रुपए कमाते हैं और हमारा खर्च दो लाख 25 हजार रुपए है तो हमारी आय से ज्यादा हुआ खर्च ही वित्तीय घाटा है। इसकी पूर्ति के लिए हम लोन लेते हैं। जितना ज्यादा हम लोन लेते जाते हैं, हमारी साख उतनी खराब होती है। ऐसा ही सरकार के मामले में भी होता है। जितना सरकार का वित्तीय घाटा बढ़ता है, उतना ही वह लोन लेती है। इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में हमारी रेटिंग खराब होती है। जब साख खराब होती है तो विदेशी निवेशक देश में निवेश करने से कतराते हैं और डॉलर की कमी फिर बढ़ जाती है।
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19-08-2013, 07:46 PM | #9 |
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Re: रुपए के गिरने का आम आदमी पर होगा ये 10 बड़ा अस
चीन ने जनवरी-जून के दौरान 706 टन सोने का उपभोग किया जो बीते वर्ष की पहली छमाही से 54% ज्यादा है
सोने के दामों में आई वैश्विक मंदी के कारण चालू वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान चीन में सोने की खपत में जबर्दस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आंकड़ों के मुताबिक अगर सोने की खरीद में यह तेजी जारी रही तो चीन इस मामले में भारत को भी पछाड़ सकता है जो दुनिया में सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। 12 सालों की तेजी के बाद सोने की कीमतों में पिछले कुछ समय के दौरान 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है। इसके कारण दुनियाभर में और खास तौर से चीन व भारत में सोने की खपत में तेजी दर्ज की गई है। चीन गोल्ड एसोसिएशन के मुताबिक चीन ने चालू वर्ष की पहली छमाही के दौरान 706.36 टन सोने का उपभोग किया जो बीते वर्ष की पहली छमाही के मुकाबले 54 फीसदी ज्यादा है। पिछले वर्ष चीन में सोने की कुल वार्षिक खपत 832.18 टन रही थी और पहली छमाही के दौरान 460 टन सोने की खपत हुई थी। जानकारों का कहना है कि चीन सोने की वैश्विक कम कीमतों का फायदा उठा रहा है और भविष्य की जरूरत के लिए भी सोना कम कीमत पर सोना खरीद रहा है। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल का अनुमान है कि इस साल चीन में सोने की वार्षिक खपत एक हजार टन के पार जा सकती है जो भारत के सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता होने का खिताब छीन लेगी।
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19-08-2013, 07:58 PM | #10 |
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Re: रुपए के गिरने का आम आदमी पर होगा ये 10 बड़ा अस
अच्छी जानकारी है, धन्यवाद दीपू जी.
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