05-01-2015, 03:56 PM | #1 |
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विलम्बित
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05-01-2015, 03:56 PM | #2 |
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Re: विलम्बित
अब आप सभी के मुँह से हमारे लिए आशीर्वाद के रूप में ऐसे ‘अद्वितीय शुभवचन’ निकल रहे होंगे जिन्हें जनहित में किसी भी हालत में यहाँ पर जारी नहीं किया जा सकता। आप सभी यह भली-भाँति जानते होंगे कि हमारा संकल्प फिलहाल वर्ष 2015 में तो पूरा होने वाला नहीं और यह सम्भव भी नहीं। आपको क्या- हमें भी यह राज़ की बात पता है, किन्तु संकल्प लेने में क्या जाता है? संकल्प लो तो बड़ा-बड़ा लो, छोटा-मोटा संकल्प लेने से क्या फ़ायदा? क्योंकि संकल्प पूर्ण न होने पर कोई आपसे पूछने वाला नहीं।
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05-01-2015, 03:58 PM | #3 |
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Re: विलम्बित
नववर्ष का महान संकल्प लेने के बाद आगे मुझे यह कहना है कि नववर्ष के अवसर पर देश-विदेश के कई लेखकों ने समाज के लिए कई नए नियम ‘अनमोल वचन’ के रूप में जारी किए हैं, क्योंकि आप सभी ने यह उद्धरण तो पढ़ा ही होगा- ‘Writers are the unacknowledged legislators of the society.’ बिल्कुल ठीक समझे आप। नववर्ष पर देश-विदेश के लेखकों का नवीन उद्धरण पढ़कर हमारा भी बहुत मन करने लगा होगा कि नववर्ष पर समाज के हित में एक नया उद्धरण जारी किया जाए। तो पेश है हमारा नूतन उद्धरण। इस उद्धरण को बहुत ही ध्यानपूर्वक पढ़ें, किन्तु पढ़ने से पूर्व अपनी आँखों को भली-भाँति साफ कर लें जिससे कोई शब्द पढ़ने में छूट न जाए-
‘ऐसा कार्य कभी न करें जिसमें अपने आप को चोट पहुँचाने से दूसरों को दुःख पहुँचता हो।’
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05-01-2015, 03:58 PM | #4 |
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Re: विलम्बित
चलते-चलते यह भी बताते चलें कि देर रात भोजन करके स्वास्थ्य-वर्धन के महान उद्देश्य से गली-कूँचों में टहलने के शौक़ीन महानुभावों के लिए एक खुशखबरी भी है। नववर्ष की पूर्वसंध्या को जब हम एक गली से गुजर रहे थे तो एक नुक्कड़ पर कुत्तों की मीटिंग चल रही थी। कुत्तों के अध्यक्ष ने नववर्ष पर जारी अपने संदेश में कहा कि अब वे रात-बिरात टहलने वालों को किसी हालत में नहीं काटेंगे। यहाँ पर यह उल्लेखनीय है कि अच्छी जान-पहिचान होने के बावजूद सूत्र-लेखक को इसी कुत्ता-अध्यक्ष ने गत वर्ष गलती से काट लिया था!
नववर्ष की विलम्बित शुभकामनाओं के साथ उन सभी को हार्दिक धन्यवाद जिन्होंने प्रोफ़ाइल और व्यक्तिगत संदेश के जरिए हमें नववर्ष की शुभकामनाएँ प्रेषित कीं।
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