25-02-2016, 10:47 AM | #1 |
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चार दोहे
कानों पर होता नहीं, तनिक मुझे विश्वास। गाली देते देश को, इसके ही कुछ खास।।१।। ~~~ अपनी ही वह सम्पदा, कर देते हैं नष्ट। और माँगते भीख तो, सुनकर होता कष्ट।।२।। ~~~ हम सबके ही वास्ते, सैनिक देते जान। जाति-धर्म के नाम पर, क्यों लड़ते नादान।।३।। ~~~ एक धर्म होता अगर, होती दुनिया एक। बिना किसी मतभेद क्या, होते युद्ध अनेक।।४।। दोहे- आकाश महेशपुरी ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ पता- वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी' ग्राम- महेशपुर पोस्ट कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश 09919080399 |
08-03-2016, 06:26 PM | #2 | |
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Re: चार दोहे
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
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