My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Art & Literature > Mehfil

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 27-03-2022, 08:42 AM   #1
आकाश महेशपुरी
Diligent Member
 
आकाश महेशपुरी's Avatar
 
Join Date: May 2013
Location: कुशीनगर, यू पी
Posts: 943
Rep Power: 24
आकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud of
Send a message via AIM to आकाश महेशपुरी
Default आदमी आदमी के रोआ दे

आदमी आदमी के रोआ दे
■■■■■■■■■■■
बीच नैनन रहे यार ऊहे, बीच राहे में काहें दगा दे,
एक दूजे के देखल न चाहे, आदमी आदमी के रोआ दे।

घात अक्सर करे आज ऊहे, जेके मानल करे लोग आपन,
खाली नफरत के बाजार बाटे, अब कहीं ना मिले प्रीत पावन,
जे करे साथ देबे के वादा, तीर सीना प ऊहे चला दे-
एक दूजे के देखल न चाहे, आदमी आदमी के रोआ दे।

स्वार्थ के रोज आवेला आन्हीं, स्वार्थ के रिश्ता नाता बनेला,
जे कहे खाति बा खास आपन, स्वार्थ में परि के ऊहे छलेला,
दर्द जहिये पुरनका भुलाला, चोट तहिये जमाना नया दे-
एक दूजे के देखल न चाहे, आदमी आदमी के रोआ दे।

रचना- आकाश महेशपुरी
दिनांक- 26/03/2022
■■■■■■■■■■■■■■■
वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी'
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरनाथ
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
पिन- 274304
मो- 9919080399

Last edited by आकाश महेशपुरी; 29-03-2022 at 07:04 AM.
आकाश महेशपुरी is offline   Reply With Quote
Old 10-07-2022, 08:04 AM   #2
आकाश महेशपुरी
Diligent Member
 
आकाश महेशपुरी's Avatar
 
Join Date: May 2013
Location: कुशीनगर, यू पी
Posts: 943
Rep Power: 24
आकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud of
Send a message via AIM to आकाश महेशपुरी
Default Re: आदमी आदमी के रोआ दे

संपादन के बाद

आदमी आदमी के रोआ दे
■■■■■■■■■■■
बीच नैनन रहे यार ऊहे, बीच राहे में काहें दगा दे,
एक दूजे के देखल न चाहे, आदमी आदमी के रोआ दे।

घात अक्सर करे आज ऊहे, जेके मानल करे लोग आपन,
खाली नफरत के बाजार बाटे, अब कहीं ना मिले प्रीत पावन,
जे करे साथ देबे के वादा, तीर पीछे से ऊहे चला दे-
एक दूजे के देखल न चाहे, आदमी आदमी के रोआ दे।

स्वार्थ के रोज आवेला आन्हीं, स्वार्थ के रिश्ता नाता बनेला,
जे कहे खाति बा खास आपन, स्वार्थ में परि के ऊहे छलेला,
दर्द जहिये पुरनका भुलाला, चोट तहिये जमाना नया दे-
एक दूजे के देखल न चाहे, आदमी आदमी के रोआ दे।

रचना- आकाश महेशपुरी
दिनांक- 26/03/2022
■■■■■■■■■■■■■■■
वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी'
ग्राम- महेशपुर
पोस्ट- कुबेरनाथ
जनपद- कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
पिन- 274304
आकाश महेशपुरी is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks

Thread Tools
Display Modes

Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 10:13 PM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.