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06-07-2022, 01:20 PM | #1 |
Diligent Member
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जल
जल
■■■ जल आये जीवन है मिलता, जल जाये तो जल जाते हैं जल से ये धरती है उर्वर, मीठे मीठे फल पाते हैं जल ही तो पानी रखता है, जब आते हैं घर में पाहुन जल की महिमा है ही ऐसी, गुन जिसके पौधे गाते हैं रचना - आकाश महेशपुरी दिनांक- 04/07/2013 ■■■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी' ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274304 मो. 9919080399 Last edited by आकाश महेशपुरी; 06-07-2022 at 02:26 PM. |
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