My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Art & Literature > Hindi Literature
Home Rules Facebook Register FAQ Community

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 22-11-2012, 08:16 AM   #1
Sameerchand
Member
 
Sameerchand's Avatar
 
Join Date: Nov 2012
Location: दिल्ली
Posts: 242
Rep Power: 12
Sameerchand will become famous soon enough
Default छोटी मगर शानदार कहानियाँ

दोस्तों इस सूत्र में मैं आसपास की बिखरी हुई शानदार कहानियाँ प्रश्तुत करूँगा. जो काफी शिक्षाप्रद भी हैं. तो देर न करते हुए शुरू करते हैं आज की कहानी.....

आप सब के विचार यहाँ आमंत्रित हैं और अगर आप भी योगदान करना चाहे तो आपका स्वागत हैं......
Sameerchand is offline   Reply With Quote
Old 22-11-2012, 08:16 AM   #2
Sameerchand
Member
 
Sameerchand's Avatar
 
Join Date: Nov 2012
Location: दिल्ली
Posts: 242
Rep Power: 12
Sameerchand will become famous soon enough
Default Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ

मैं तुझे तो कल देख लूंगा।


सूफी संत जुनैद के बारे में एक कथा है.


एक बार संत को एक व्यक्ति ने खूब अपशब्द कहे और उनका अपमान किया. संत ने उस व्यक्ति से कहा कि मैं कल वापस आकर तुम्हें अपना जवाब दूंगा.


अगले दिन वापस जाकर उस व्यक्ति से कहा कि अब तो तुम्हें जवाब देने की जरूरत ही नहीं है.


उस व्यक्ति को बेहद आश्चर्य हुआ. उस व्यक्ति ने संत से कहा कि जिस तरीके से मैंने आपका अपमान किया और आपको अपशब्द कहे, तो घोर शांतिप्रिय व्यक्ति भी उत्तेजित हो जाता और जवाब देता. आप तो सचमुच विलक्षण, महान हैं.


संत ने कहा – मेरे गुरु ने मुझे सिखाया है कि यदि आप त्वरित जवाब देते हैं तो वह आपके अवचेतन मस्तिष्क से निकली हुई बात होती है. इसलिए कुछ समय गुजर जाने दो. चिंतन मनन हो जाने दो. कड़वाहट खुद ही घुल जाएगी. तुम्हारे दिमाग की गरमी यूँ ही ठंडी हो जाएगी. आपके आँखों के सामने का अँधेरा जल्द ही छंट जाएगा. चौबीस घंटे गुजर जाने दो फिर जवाब दो.


क्या आपने कभी सोचा है कि कोई व्यक्ति पूरे 24 घंटों के लिए गुस्सा रह सकता है? 24 घंटे क्या, जरा अपने आप को 24 मिनट का ही समय देकर देखें. गुस्सा क्षणिक ही होता है, और बहुत संभव है कि आपका गुस्सा, हो सकता है 24 सेकण्ड भी न ठहरता हो

Sameerchand is offline   Reply With Quote
Old 22-11-2012, 08:16 AM   #3
Sameerchand
Member
 
Sameerchand's Avatar
 
Join Date: Nov 2012
Location: दिल्ली
Posts: 242
Rep Power: 12
Sameerchand will become famous soon enough
Default Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ

कौन बड़ा?


एक बार एक आश्रम के दो शिष्य आपस में झगड़ने लगे – मैं बड़ा, मैं बड़ा.

झगड़ा बढ़ता गया तो फैसले के लिए वे गुरु के पास पहुँचे.

गुरु ने बताया कि बड़ा वो जो दूसरे को बड़ा समझे.

अब दोनों नए सिरे से झगड़ने लगे – तू बड़ा, तू बड़ा!
Sameerchand is offline   Reply With Quote
Old 22-11-2012, 08:16 AM   #4
Sameerchand
Member
 
Sameerchand's Avatar
 
Join Date: Nov 2012
Location: दिल्ली
Posts: 242
Rep Power: 12
Sameerchand will become famous soon enough
Default Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ

सुरक्षा का उपाय


एक बार नसरूद्दीन ने एक लड़के से उसके लिए कुँऐं से पानी खींचने का अनुरोध किया। जैसे ही वह लड़का कुँए से पानी खींचने को झुका, नसरूद्दीन ने उसके सिर में जोर से थप्पड़ मारा और कहा, "ध्यान रहे। मेरे लिए पानी खींचते समय घड़ा न टूटे।"

वहाँ से गुजरते हुए एक राहगीर ने यह सब देखा तो उसने नसरूद्दीन से कहा - "जब उस लड़के ने कोई गल्ती ही नहीं की तो तुमने उसे क्यों मारा?"

नसरूद्दीन ने दृढ़तापूर्वक उत्तर दिया - "यदि मैं यह चेतावनी घड़े के फूटने के बाद देता तो उसका कोई फायदा नहीं होता।"
Sameerchand is offline   Reply With Quote
Old 22-11-2012, 08:16 AM   #5
Sameerchand
Member
 
Sameerchand's Avatar
 
Join Date: Nov 2012
Location: दिल्ली
Posts: 242
Rep Power: 12
Sameerchand will become famous soon enough
Default Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ

एक मिनट की भी देरी किसलिए?


एक बार एक जंगल में जबरदस्त आग लग गई और जंगल का एक बड़ा हिस्सा जलकर खाक हो गया. जंगल में एक गुरु का आश्रम था. जब जंगल की आग शांत हुई तो उन्होंने अपने शिष्यों को बुलाया और उन्हें आज्ञा दी कि जंगल को फिर से हरा भरा करने के लिए देवदार का वृक्षारोपण किया जाए.


एक शक्की किस्म के चेलने ने शंका जाहिर ही - मगर गुरूदेव, देवदार तो पनपने में बरसों ले लेते हैं.


यदि ऐसा है तब तो हमें बिना देरी किए तुरंत ही यह काम शुरू कर देना चाहिए - गुरू ने कहा.
Sameerchand is offline   Reply With Quote
Old 22-11-2012, 08:17 AM   #6
Sameerchand
Member
 
Sameerchand's Avatar
 
Join Date: Nov 2012
Location: दिल्ली
Posts: 242
Rep Power: 12
Sameerchand will become famous soon enough
Default Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ

अपने भीतर के प्रकाश को देखो


एक गुरूजी लंबे समय से अचेतावस्था में थे। एक दिन अचानक उन्हें होश आया तो उन्होंने अपने प्रिय शिष्य को अपने नजदीक बैठे हुए पाया।

उन्होंने प्रेमपूर्वक कहा - "तुम इतने समय तक मेरे बिस्तर के नजदीक ही बैठे रहे और मुझे अकेला नहीं छोड़ा?"

शिष्य ने रुंधे हुए गले से कहा - "गुरूदेव मैं ऐसा कर ही नहीं सकता कि आपको अकेला छोड़ दूं।"

गुरूजी - "ऐसा क्यों?"

"क्योंकि आप ही मेरे जीवन के प्रकाशपुंज हैं।"

गुरूजी ने उदास से स्वर में कहा - "क्या मैंने तुम्हें इतना चकाचौंध कर दिया है कि तुम अपने भीतर के प्रकाश को नहीं देख पा रहे हो?"
Sameerchand is offline   Reply With Quote
Old 22-11-2012, 09:34 AM   #7
Sikandar_Khan
VIP Member
 
Sikandar_Khan's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: kanpur-(up)
Posts: 14,034
Rep Power: 69
Sikandar_Khan has a reputation beyond reputeSikandar_Khan has a reputation beyond reputeSikandar_Khan has a reputation beyond reputeSikandar_Khan has a reputation beyond reputeSikandar_Khan has a reputation beyond reputeSikandar_Khan has a reputation beyond reputeSikandar_Khan has a reputation beyond reputeSikandar_Khan has a reputation beyond reputeSikandar_Khan has a reputation beyond reputeSikandar_Khan has a reputation beyond reputeSikandar_Khan has a reputation beyond repute
Send a message via Yahoo to Sikandar_Khan
Default Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ

समीर भाई ! बहुत ही शानदार सीख देने वाली कहानियाँ हैँ |
__________________
Disclaimer......! "फोरम पर मेरे द्वारा दी गयी सभी प्रविष्टियों में मेरे निजी विचार नहीं हैं.....! ये सब कॉपी पेस्ट का कमाल है..."

click me
Sikandar_Khan is offline   Reply With Quote
Old 22-11-2012, 10:05 AM   #8
abhisays
Administrator
 
abhisays's Avatar
 
Join Date: Dec 2009
Location: Bangalore
Posts: 16,772
Rep Power: 137
abhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond reputeabhisays has a reputation beyond repute
Send a message via Yahoo to abhisays
Default Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ

बहुत ही अच्छी कहानिया हैं।
__________________
अब माई हिंदी फोरम, फेसबुक पर भी है. https://www.facebook.com/hindiforum
abhisays is offline   Reply With Quote
Old 22-11-2012, 05:31 PM   #9
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 183
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ

आपने तो आते ही धमाका कर दिया समीरजी। श्रेष्ठ प्रस्तुतीकरण के लिए आभार स्वीकार करें।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote
Old 22-11-2012, 07:05 PM   #10
anjana
Special Member
 
anjana's Avatar
 
Join Date: Sep 2012
Posts: 3,042
Rep Power: 23
anjana is a splendid one to beholdanjana is a splendid one to beholdanjana is a splendid one to beholdanjana is a splendid one to beholdanjana is a splendid one to beholdanjana is a splendid one to beholdanjana is a splendid one to behold
Default Re: छोटी मगर शानदार कहानियाँ

काँच की बरनी और दो कप चाय


जीवन में जब सब कुछ एक साथ और जल्दी-जल्दी करने की इच्छा होती है , सब कुछ तेजी से पा लेने की इच्छा होती है , और हमें लगने लगता है कि दिन के चौबीस घंटे भी कम पड़ते हैं , उस समय ये बोध कथा , " काँच की बरनी और दो कप चाय" हमें याद आती है ।



दर्शनशास्त्र के एक प्रोफ़ेसर कक्षा में आये और उन्होंने छात्रों से कहा कि वे आज जीवन का एक महत्वपूर्ण पाठ पढाने वाले हैं...उन्होंने अपने साथ लाई एक काँच की बडी़ बरनी (जार) टेबल पर रखा और उसमें टेबल टेनिस की गेंदें डालने लगे और तब तक डालते रहे जब तक कि उसमें एक भी गेंद समाने की जगह नहीं बची... उन्होंने छात्रों से पूछा - क्या बरनी पूरी भर गई ? हाँ... आवाज आई...फ़िर प्रोफ़ेसर साहब ने छोटे-छोटे कंकर उसमें भरने शुरु किये , धीरे-धीरे बरनी को हिलाया तो काफ़ी सारे कंकर उसमें जहाँ जगह खाली थी , समा गये , फ़िर से प् ?? ोफ़ेसर साहब ने पूछा , क्या अब बरनी भर गई है , छात्रों ने एक बार फ़िर हाँ.. कहा अब प्रोफ़ेसर साहब ने रेत की थैली से हौले-हौले उस बरनी में रेत डालना शुरु किया , वह रेत भी उस जार में जहाँ संभव था बैठ गई , अब छात्र अपनी नादानी पर हँसे... फ़िर प्रोफ़ेसर साहब ने पूछा , क्यों अब तो यह बरनी पूरी भर गई ना ? हाँ.. अब तो पूरी भर गई है.. सभी ने एक स्वर में कहा..सर ने टेबल के नीचे से चाय के दो कप निकालकर उसमें की चाय जार में डाली , चाय भी रेत के बीच में स्थित थोडी़ सी जगह में सोख ली गई...प्रोफ़ेसर साहब ने गंभीर आवाज में समझाना शुरु किया - इस काँच की बरनी को तुम लोग अपना जीवन समझो.... टेबल टेनिस की गेंदें सबसे महत्वपूर्ण भाग अर्थात भगवान , परिवार , बच्चे , मित्र , स्वास्थ्य और शौक हैं , छोटे कंकर मतलब तुम्हारी नौकरी , कार , बडा़ मकान आदि हैं , और रेत का मतलब और भी छोटी-छोटी बेकार सी बातें , मनमुटाव , झगडे़ है..अब यदि तुमने काँच की बरनी में सबसे पहले रेत भरी होती तो टेबल टेनिस की गेंदों और कंकरों के लिये जगह ही नहीं बचती , या कंकर भर दिये होते तो गेंदें नहीं भर पाते , रेत जरूर आ सकती थी...ठीक यही बात जीवन पर लागू होती है...यदि तुम छोटी-छोटी बातों के पीछे पडे़ रहोगे और अपनी ऊर्जा उसमें नष्ट करोगे तो तुम्हारे पास मुख्य बातों के लिये अधिक समय नहीं रहेगा... मन के सुख के लिये क्या जरूरी ह ? ये तुम्हें तय करना है । अपने बच्चों के साथ खेलो , बगीचे में पानी डालो , सुबह पत्नी के साथ घूमने निकल जाओ , घर के बेकार सामान को बाहर निकाल फ़ेंको , मेडिकल चेक- अप करवाओ.. टेबल टेनिस गेंदों की फ़िक्र पहले करो , वही महत्वपूर्ण है... पहले तय करो कि क्या जरूरी है.... बाकी सब तो रेत है.. छात्र बडे़ ध्यान से सुन रहे थे... अचानक एक ने पूछा , सर लेकिन आपने यह नहीं बताया कि " चाय के दो कप" क्या हैं ? प्रोफ़ेसर मुस्कुराये , बोले.. मैं सोच ही रहा था कि अभी तक ये सवाल किसी ने क्यों नहीं किया... इसका उत्तर यह है कि , जीवन हमें कितना ही परिपूर्ण और संतुष्ट लगे , लेकिन अपने खास मित्र के साथ दो कप चाय पीने की जगह हमेशा होनी चाहिये ।
anjana is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks

Tags
hindi forum, hindi stories, short hindi stories, short stories


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 07:47 AM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.