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13-05-2011, 10:45 AM | #1 |
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फोरम डायरी
ये सूत्र एक डायरी का रूप है
एक बात मैन ये सूत्र क्यो बनाया क्यो की हम जो भी लिखते है दिल से तो अपने कुछ जज्बात भी तो लिख सकते है
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Gaurav kumar Gaurav |
13-05-2011, 10:56 AM | #2 |
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Re: फोरम डायरी
13 /05 /2011
आज का दिन ये सूत्र का आगाज है अपने सारे दिन की कुछ शब्दो मे व्याख्या शाम ही कर पाऊँगा लेकिन हाँ कल के दिन के खास कर शाम बडी निराली थी जब हम दीपू जी के सूत्र सलाम बुक मे अपने अपने बारे मे देखा और दा रॉयल जी का एक सूत्र नाम याद नही आ रहा बो भी बहुत रोमानचित कर देने बाला था
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Gaurav kumar Gaurav |
13-05-2011, 11:41 AM | #3 |
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Re: फोरम डायरी
इस सूत्र को as a tweeter की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं/
हर घंटे के क्या किया लिख सकते हैं/ |
13-05-2011, 11:43 AM | #4 |
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Re: फोरम डायरी
आप बताये और मदद करेँ
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Gaurav kumar Gaurav |
13-05-2011, 01:39 PM | #5 |
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Re: फोरम डायरी
मेर प्रिय डायरी आज चौपाल मे थोडे समय के लिये बर्षा का मौसम बना
मन सच मे हार्षित हो गया मै फोरम पर 2 - 3 से ऐसा महसूस कर रहा हूँ जैसे कि कोई त्यौहार का समय उत्पन्न होने बाली खुशी अभी मे शरीर पर रिमझिम बारिश की बूँदो की तरह गिर रही हो
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Gaurav kumar Gaurav |
13-05-2011, 09:29 PM | #6 |
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Re: फोरम डायरी
मेरी डायरी आज मैने 2 सूत्र बनाये लेकिन दुख इस बात का हम की कई दिन पहले एक सूत्र बनाया था
तारक मेहत का उल्टा चश्मा के डायलोग जिसपे काम करने के लिये समय नही मिल पा रहा है
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Gaurav kumar Gaurav |
13-05-2011, 10:39 PM | #7 |
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Re: फोरम डायरी
मेरी प्यारी डायरी आज साक्षात्कार बाले सूत्र मे मोटा भाई का नाम आया कसम से उनकी याद आ गई कुछ समय के लिये मेरी हदय बिचलित हो उठा की मै उनके साथ के बिना फोरम पर अकेला चल रहा हूँ परन्तु अब सब ठीक है
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Gaurav kumar Gaurav |
15-05-2011, 07:59 PM | #8 |
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Re: फोरम डायरी
आज का दिन मेरे लिए बहुत दहसत वाला रहा है/
आज मेरी आँखों के सामने वो घटना घटी जो किसी बुरे सपने से भी भयानक है/ आज मैं रेल से घर जा रहा था/ प्लेत्फोरुम पर बैठा सुस्ता रहा था/ मेरी बगल में कुछ दोस्त बैठ कर बाते कर रहे थे/ तभी उप और डाउन दोनों तरफ से ट्रेन आने लगती है/ उनमे से एक लड़का ट्रैक क्रोस करने वाला था/ लेकिन ट्रेन आने की वजह से ट्रैक क्रोस नहीं किया और कहा की ट्रेन जायेगी तो मैं जाऊंगा/ उनमे से एक लड़का जोश में बोलता है की मैं तो अभी भी ट्रैक क्रोस कर सकता हूँ/ उप वाली ट्रेन स्लो थी और डाउन वाली ट्रेन फास्ट थी/दोनों ही मालगाड़ी थी/ तो उसी बीच एक लड़ाका बोलता है की यदि तू अभी ट्रैक क्रोस कर जायेगा तो मैं तुझे १० रुपये दूँगा/ वह बिना कुछ सोच्रे समझे ट्रैक क्रोस करने के लिए दौर जाता है/ अप वाली ट्रेन तो आसानी से क्रोस कर जाता है/लेकिन डाउन वाली ट्रेन पर वह लड़खड़ा कर गिर जाता है/ ट्रेन मुश्किल से १० मीटर की दुरी पर होगी/ वह लड़का ट्रेन की ओर देखता है और प्लेटफार्म पर चढ़ने की कोशिश करता है लेकिन तब तक देर हो चुकी थी/ ट्रेन उससे आ कर टकरा जाती है/ मैं देखता हूँ की वह लड़का ट्रेन से टकराता है/ ट्रेन उसे घसीट रही है/मेरे मुँह से डर के मरे निकलता है की वह साला मारा/ सच मानिए मैं इतना डर चूका था की जितना आजतक मैं अपने जीवन में नहीं डरा/ इस घटना को ५ घंटे हो चुके है/लेकिन वह घटना बार मेरे आँखों के सामने बार बार आ जाता है/ ट्रेन टकराने के बाद थोड़ी ही देर में रुक गयी /मेरी तो उसके नजदीक जाने की हिम्मत नहीं हो रही थी/ लेकिन मैं थोड़ी हिम्मत कर के गया/देखा की वह लड़ाका अब भी साँस ले रहा है/यानी की जिन्दा था/ फिर मैं और एक आदमी ने अम्बुलेंस को फोन किया/अम्बुलेस जब तक आयी तबतक वह लड़ा जिन्दा था/ अम्बुलेस उसे लेकर चली गयी/फिर उसके बाद क्या हुआ मुझे नहीं मालूम/ मैंने तो भगवान से यही प्राथना की है की वह लड़ाका सही सलामत रहे/ वह मेरे जीवन की सबसे दिल दहला देने वाली घटना है/ जिसे मैं अपने जीवन में कभी भूल नहीं पाउँगा/ |
16-05-2011, 12:12 AM | #9 | |
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Re: फोरम डायरी
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24-05-2011, 04:50 PM | #10 |
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Re: फोरम डायरी
सूत्र को गति दो प्यारे मित्र
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एक सकून, डायरी, दिल की बाते, दुख सुख की बातेँ, फोरम डायरी |
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