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15-11-2015, 09:10 AM | #1 |
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बाल-दिवस पर बाल अपमान!
सुबह-सुबह समाचार-पत्रों में 'बाल-दिवस' का शीर्षक देखते ही हम गहन चिन्ता के सागर में डूब गए और हमें समाचार-पत्र डालने वाले हॉकर पर बड़ा क्रोध आने लगा। अपने अल्प ज्ञान के कारण बाल-दिवस के दिन सुबह-सुबह हमसे कितनी बड़ी भूल हो गई थी। समाचार-पत्र लेकर हॉकर थोड़ा पहले आ जाता तो हम इतनी बड़ी भूल कभी न करते। उफ़... बाल-दिवस के दिन इतनी बड़ी भूल? 'बाल-सम्मान' की जगह 'बाल-अपमान' कर बैठे! अब पता नहीं- इस घोर पाप का शास्त्रों में प्रायश्चित हो या न हो। हमने तुरन्त अपने ज्योतिषी को फ़ोन मिलाया। ज्योतिषी ने हमारी समस्या ध्यान से सुनकर कहा- 'ये क्या कर दिया आपने! आपको ऐसा नहीं करना चाहिए था। आपको बड़ा भयंकर बाल-दोष लग चुका है। इसकी शान्ति आवश्यक है। बाल-दोष शान्ति के लिए एक हवन करना होगा। बस पन्द्रह हज़ार खर्चा आएगा।'
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15-11-2015, 09:10 AM | #2 |
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Re: बाल-दिवस पर बाल अपमान!
हमने घबड़ाकर कहा- 'बाल-दोष निवारण हवन के लिए पन्द्रह हज़ार तो बहुत ज़्यादा हैं। कुछ कम कीजिए।' (अभी और है।)
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