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03-02-2011, 08:12 AM | #1 |
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भारत का ध्वज
भारत का ध्वज
भारत के राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा भी कहते हैं, तीन रंग की क्षैतिज पट्टियों के बीच एक नीले रंग के चक्र द्वारा सुशोभित ध्वज है जिसकी अभिकल्पना पिंगली वैंकैया ने की थी। इसको १५ अगस्त १९४७ को अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व २२ जुलाई, १९४७ को आयोजित भारतीय संविधान सभा की बैठक में अपनाया गया था। इसमें तीन समान चौड़ाई की क्षैतिज पट्टियाँ है, जिनमें सबसे ऊपर केसरिया, बीच में श्वेत ओर नीचे गहरे हरे रंग की पट्टी है। ध्वज की लम्बाई एवं चौड़ाई का अनुपात २:३ का है। सफेद पट्टी के मध्य में गहरे नीले रंग का एक चक्र है जिसमें २४ अरे होते हैं। इस चक्र का व्यास लगभग सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर होता है व रूप सम्राट अशोक की राजधानी सारनाथ में स्थित स्तंभ के शेर के शीर्षफलक के चक्र में दिखने वाले की तरह होता है। सरकारी झंडा निर्दिष्टीकरण के अनुसार झंडा खादी में ही बनना चाहिए। यह एक विशेष प्रकार से हाथ से काते गए कपड़े से बनता है जो महात्मा गांधी द्वारा लोकप्रिय हुआ था। इन सभी विशिष्टताओं को व्यापक रूप से भारत में सम्मान दिया जाता हैं भारतीय ध्वज संहिता के द्वारा इसके प्रदर्शन और प्रयोग पर विशेष नियंत्रण हैं।
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03-02-2011, 08:17 AM | #2 |
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भारत का ध्वज
भारत का ध्वज, तिरंगा
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03-02-2011, 08:23 AM | #3 |
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भारत का ध्वज
तिरंगे का विकास
यह ध्वज भारत की स्वतंत्रता के संग्राम काल में खोजा गया था। १८५७में स्वतंत्रता के पहले संग्राम के समय भारत राष्ट्र का ध्वज बनाने की योजना बनी थी, लेकिन वह आंदोलन असमय ही समाप्त हो गया था और उसके साथ ही वह योजना भी बीच में ही अटक गई थी। वर्तमान रूप में पहुंचने से पूर्व भारतीय राष्ट्रीय ध्वज अनेक पड़ावों से गुजरा है। इस विकास में यह भारत में राजनैतिक विकास का परिचायक भी है। कुछ ऐतिहासिक पड़ाव इस प्रकार हैं::
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03-02-2011, 08:29 AM | #4 |
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भारत का ध्वज
प्रथम ध्वज प्रथम चित्रित ध्वज १९०४ में स्वामी विवेकानंद की शिष्या भगिनी निवेदिता द्वारा बनाया गया था। ७ अगस्त, १९०६ को पारसी बागान चौक (ग्रीन पार्क) कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) में इसे कांग्रेस के अधिवेशन में फहराया गया था। इस ध्वज को लाल, पीले और हरे रंग की क्षैतिज पट्टियों से बनाया गया था। ऊपर की ओर हरी पट्टी में आठ कमल थे और नीचे की लाल पट्टी में सूरज और चाँद बनाए गए थे। बीच की पीली पट्टी पर वंदेमातरम् लिखा गया था।
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03-02-2011, 08:32 AM | #5 |
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भारत का ध्वज
१९०७ में भीका*जी कामा द्वारा फहराया गया बर्लिन समिति का ध्*वज द्वितीय ध्वज को पेरिस में मैडम कामा और १९०७ में उनके साथ निर्वासित किए गए कुछ क्रांतिकारियों द्वारा फहराया गया था। कुछ लोगों की मान्यता के अनुसार यह १९०५ में हुआ था। यह भी पहले ध्वज के समान था सिवाय इसके कि इसमें सबसे ऊपर की पट्टी पर केवल एक कमल था किंतु सात तारे सप्तऋषियों को दर्शाते थे। यह ध्वज बर्लिन में हुए समाजवादी सम्मेलन में भी प्रदर्शित किया गया था।
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03-02-2011, 08:34 AM | #6 |
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भारत का ध्वज
१९१७ में घरेलू शासन आंदोलन के समय अपनाया गया ध्वज १९१७ में भारतीय राजनैतिक संघर्ष ने एक निश्चित मोड़ लिया। डॉ. एनी बीसेंट और लोकमान्य तिलक ने घरेलू शासन आंदोलन के दौरान तृतीय चित्रित ध्वज को फहराया। इस ध्वज में ५ लाल और ४ हरी क्षैतिज पट्टियां एक के बाद एक और सप्ततऋषि के अभिविन्यास में इस पर सात सितारे बने थे। ऊपरी किनारे पर बायीं ओर (खंभे की ओर) यूनियन जैक था। एक कोने में सफेद अर्धचंद्र और सितारा भी था।
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18-04-2011, 09:43 PM | #7 |
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Re: भारत का ध्वज
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18-04-2011, 09:44 PM | #8 |
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Re: भारत का ध्वज
सूत्रधार की तारीफ़ किये बिना रहा नहीं जा रहा
मानना पडेगा इस सूत्र में बहुत सुन्दर जानकारियाँ डालीं गयीं हैं बेहतरीन सूत्र ..... बहुत बहुत धन्यवाद
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18-04-2011, 09:59 PM | #9 | |
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भारत का ध्वज
Quote:
दिल जंगल-जंगल हो गया|
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20-04-2011, 02:37 AM | #10 |
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Re: भारत का ध्वज
अच्छी जान कारी है ....मेरा भारत महान
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प्यार बाटते चलो , प्यार ही जीवन है ...एन्जॉय करो ..मस्त रहो .........आप का अपना देव भारद्वाज |
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