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#1 |
Moderator
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अक्सर लोग गुण और कला को एक ही समझ लेते हैं , पर मुझे लगता है की इनमे अंतर है। गुण यानि वो जो कि हमारे अंदर स्वाभाविक रूप से मौजूद होते हैं , जैसे ईमानदारी , सत्यवादिता , निष्ठां। और कलाएं वो जिन्हे हम सीख सकते हैं , जैसे - कुकिंग , डांसिंग।
मैं जानना चाहती हूँ कि क्या वास्तव में इनमे कोई अंतर है या ये एक ही हैं , क्यूंकि जब हम किसी कला में पारंगत हो जाते हैं तो वो ही कला हमारा गुण कही जाती है , पर वास्तव में क्या उसे गुण कहना सही है ? ![]() Last edited by Pavitra; 04-09-2014 at 02:26 PM. |
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#2 | |
Exclusive Member
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प्रिय लावण्या जी, आपने एक सुंदर विषय कों चुना हें, हम चाहते हैं कि आप इस सुन्दर शुरुआत को और आगे बढ़ाएं, चाहे एक एक पोस्ट की कड़ी के रूप में.........
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*** Dr.Shri Vijay Ji *** ऑनलाईन या ऑफलाइन हिंदी में लिखने के लिए क्लिक करे: ![]() ![]() Disclaimer:All these my post have been collected from the internet and none is my own property. By chance,any of this is copyright, please feel free to contact me for its removal from the thread. |
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#3 |
Special Member
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गुण वो जो हमारे अन्दर मौजूद हो ,और उन गुणों को उजागर करना एक कला होती है इस प्रकार गुण-कला एक सिक्के के दो पहलू है
जेसे=> पेट्रोल के बिना गाड़ी नहीं चलती है वेसे ही गुण बिन कला ,कला बिन गुण,नहीं चल सकते !
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Disclaimer......! "The Forum has given me all the entries are not my personal opinion .....! Copy and paste all of the amazing ..." Last edited by rafik; 05-09-2014 at 12:58 PM. |
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#4 | |
Moderator
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आपने बहुत सही कहा की गुणों को उजागर करना भी एक कला है। और मैं ये भी मानती हूँ कि कला में महारत हासिल कर हम उसको ही अपना एक गुण बना सकते हैं। पर आजकल लोग ये कहते हुए मिलते हैं कि वह व्यक्ति बड़ा गुणवान है , क्या अच्छा खाना बनाता है। तब मेरे मैं में एक विचार आता है कि क्या वास्तव में इसको गुण कहा जाये या कहें कि वह व्यक्ति पाक कला में निपुण है। लोग गुण और कला को लेकर कंफ्यूज हैं ??? |
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#5 |
Banned
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एक छोटी सी अवधारणा मेरे खाली दिमाग से -
सीखना एक गुण है और सिखाना इक कला |
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#6 |
Moderator
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#7 |
Banned
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बहुत ही सूक्ष्म रूप से विचार करने पर खाली दिमाग मे ये बात आई है -
जो प्रकृतिक रूप से किसी भी वस्तु मे पाई जाए वो गुण है - जैसे जल मे शीतलता, आग मे उष्णता, मनुष्य मे मनुष्यता आदि। और कला वो है जो साधना से प्राप्त होती है। अगर आप अच्छे पकवान बनाते है तो यह आपकी कला है। नाच तो सभी लेते है, मगर एक अच्छे नृत्यकार वो है, जो वर्षो-वर्ष तक साधना करके एक कुशल नृत्यकार बनते है। |
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#8 | |
Moderator
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मेरा विचार भी यही है कि गुण स्वाभाविक रूप से या प्राकृतिक रूप से मनुष्य में विद्यमान होते हैं और कला कोई भी व्यक्ति थोड़े से अभ्यास से सीख सकता है। |
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#9 |
Super Moderator
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इस रोचक सूत्र में लावण्या जी ने विचार विमर्श का अच्छा विषय चुना है. प्रतिक्रिया स्वरूप रफ़ीक जी, डॉ श्री विजय और श्रीमान empty mind द्वारा अपने अपने विचार रखे गये जिनके आधार पर हमारे विषय 'गुण और कला' के परस्पर अंतर व समानता पर प्रकाश डाला गया है. सूत्रधार के द्वारा भी प्रस्तुत किये गये विचारों की समीक्षा की गई. एक जटिल विषय स्पष्ट होकर सामने आया. आप सभी महानुभाव का बहुत बहुत धन्यवाद
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
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#10 | |
Moderator
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![]() जी बिल्कुल , आप सभी के विचारों के माध्यम से मेरे विचारों को भी स्पष्टता मिली। |
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गुण और कला, skill & art, talent & art, traits & attributes |
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