|
16-04-2017, 04:31 PM | #1 |
Diligent Member
Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 30 |
हिंदी के विकास में लुंगी का महत्व
हिंदी के विकास में लुंगी का अभूतपूर्व योगदान है। सुनने में यह बात अटपटा ज़रूर लगती है कि भला हिंदी के विकास में लुंगी का क्या योगदान हो सकता है, किन्तु यह शाश्वत सत्य है कि लुंगी के बिना हिंदी का विकास असम्भव है। इस व्यंग्य लेख को पढ़ने के बाद आप सभी समवेत स्वर में कहेंगे कि वाकई हिंदी के विकास में लुंगी का अभूतपूर्व योगदान था, है और रहेगा।
(अभी और है!)
__________________
WRITERS are UNACKNOWLEDGED LEGISLATORS of the SOCIETY! First information: https://twitter.com/rajatvynar https://rajatvynar.wordpress.com/ |
17-04-2017, 11:49 PM | #2 |
Diligent Member
Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 30 |
Re: हिंदी के विकास में लुंगी का महत्व
हुआ यह कि पिछले तीन दशकों में देश में कुकुरमुत्ते की तरह उग आए अँग्रेज़ी मीडियम स्कूलों की बदौलत अँग्रेज़ी का जमकर विकास हुआ और हिन्दी पीछे रह गई। अँग्रेज़ी का जमकर विकास होने के कारण देश दो भागों में बँट गया। एक ओर अँग्रेज़ी वाले थे जो कार से चलते थे और देश को गर्व से इंडिया कहते थे। दूसरी ओर हिन्दी वाले थे जो साइकिल से चलते थे और देश को गर्व से भारत कहते थे। अँग्रेज़ी वालों का देश इंडिया था और हिन्दी वालों का देश भारत था। भारत की हिन्दी पीछे जा रही थी और इंडिया की अँग्रेज़ी आगे जा रही थी। हिन्दी के पाठक लगातार घटते जा रहे थे और अँग्रेज़ी के पाठक लगातार बढ़ते जा रहे थे। अँग्रेज़ी वाले स्मार्ट कार्ड और क्रेडिट कार्ड के साथ कार में घूम रहे थे। हिन्दी वाले राशन कार्ड और आधार कार्ड के साथ साइकिल पर टहल रहे थे।
__________________
WRITERS are UNACKNOWLEDGED LEGISLATORS of the SOCIETY! First information: https://twitter.com/rajatvynar https://rajatvynar.wordpress.com/ |
18-04-2017, 12:16 AM | #3 |
Diligent Member
Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 30 |
Re: हिंदी के विकास में लुंगी का महत्व
एक बार अँग्रेज़ी वाले जब कॉफ़ी हाउस में बैठे गपशप लड़ा रहे थे तो हिन्दी समाचार-पत्र में छपा वह लेख अक्षर जोड़-जोड़कर पढ़ने में कामयाब हो गए जिसमें हिन्दी दिवस के अवसर पर चर्चित हिन्दी स्तम्भकार गौतम चटर्जी ने हिन्दी रंगमंच की खिल्ली उड़ाते हुए अपने लेख में लिखा था-
नाटक लिखे बिना रंग प्रस्तुति हो सकती है, ऐसा हिन्दी नाटकों की दुनिया में ही सम्भव है। इससे अधिक अन्धा युग और क्या हो सकता है कि पिछ्ले तीन दशकों से हिन्दी में नाटक लिखे नहीं जा रहे?' लेख पढ़कर अँग्रेज़ी वाले शर्म से पानी-पानी हो गए। धिक्कार है ऐसे जीवन पर! अपने ही देश में हिन्दी पीछे जा रही है। इसे और पीछे जाने से रोकना होगा। हिन्दी के विकास के लिए कुछ करना चाहिए। कॉफ़ी हाउस में गपशप लड़ाने से अच्छा है- हिन्दी के विकास के लिए कुछ किया जाए। अपने देश की अपनी राजभाषा का विकास करना हर भारतीय का कर्तव्य है।
__________________
WRITERS are UNACKNOWLEDGED LEGISLATORS of the SOCIETY! First information: https://twitter.com/rajatvynar https://rajatvynar.wordpress.com/ |
18-04-2017, 08:57 AM | #4 |
Diligent Member
Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 30 |
Re: हिंदी के विकास में लुंगी का महत्व
फिर क्या था? अँग्रेज़ी वालों ने फटाफट मोबाइल, फ़ोन, फ़ैक्स, मैसेज, ईमेल, ह्वाट्सऐप, फ़ेसबुक और ट्विटर के जरिए एक-दूसरे से सम्पर्क करना शुरू किया और थोड़ी ही देर में हिन्दी के विकास के लिए अँग्रेज़ी वालों की एक लम्बी-चौड़ी फौज़ खड़ी हो गई। सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि हिन्दी के विकास के लिए शहर में एक क्लब खोला जाए जिसका नाम होगा- 'हिंदी विकास क्लब'। अँग्रेज़ी वालों के पास पैसे की कोई कमी तो थी नहीं। आनन-फानन में शहर की एक पुरानी बिल्डिंग को जहाँ पर कभी कैबरे डाँस हुआ था, औने-पौने दाम पर खरीदकर मरम्मत कराकर नया बना दिया गया और बाहर एक बड़ा सा बोर्ड लगा दिया गया जिसमें लिखा था- 'हिंदी विकार क्लब'। अब बेचारा बोर्ड बनाने वाला भी क्या करे? हिंदी में जो लिखकर दिया जाएगा उसी नाम का तो बोर्ड बनेगा! 'विकास' की जगह 'विकार' हो गया और अँग्रेज़ी वालों को पता तक न चला।
__________________
WRITERS are UNACKNOWLEDGED LEGISLATORS of the SOCIETY! First information: https://twitter.com/rajatvynar https://rajatvynar.wordpress.com/ |
18-04-2017, 12:50 PM | #5 |
Diligent Member
Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 30 |
Re: हिंदी के विकास में लुंगी का महत्व
'हिन्दी विकास क्लब' के बोर्ड में हुई भारी गड़बड़ी से अनभिज्ञ अँग्रेज़ी वाले 'हिन्दी विकास क्लब' का प्रचार और प्रसार करने में तन और धन से लग गए। मन से लगने में सबसे बड़ी दिक्कत यह थी कि मन में तो अँग्रेज़ी थी। ज़रा भी मुँह खोलते तो अपनी टूटी-फूटी हिन्दी की वजह से रंगे हाथ पकड़ लिए जाते। पकड़े जाने के डर से अँग्रेज़ी वाले हिन्दी वालों के सामने आपस में बहुत ही कम बातचीत करते। कुछ चतुर किस्म के अँग्रेज़ी वालों ने अपने आप को अहिन्दीभाषी प्रदेशों का रहने वाला घोषित कर दिया जिससे हिन्दी बोलने में हो रही त्रुटियों (Mistakes) को समायोजित (Adjust) किया जा सके। कुछ महाचतुर अँग्रेज़ी वालों ने अपने आपको विदेशी भारतीय घोषित कर दिया।
'हिन्दी विकार क्लब' के नाम से खुले 'हिन्दी विकास क्लब' की चमचमाती शानदार बिल्डिंग की जगमगाहट और कई रंगों में जलते-बुझते 'हिन्दी विकार क्लब' के भव्य बोर्ड को देखकर अँग्रेज़ी वाले यह सोचकर बड़े प्रसन्न थे कि अब हिन्दी का जबरदस्त विकास होगा, किन्तु हुआ इसका उल्टा। 'हिन्दी विकार क्लब' की भव्यता और पार्किंग में खड़ी बड़ी-बड़ी कारों को देखकर साइकिल से चलने वाले हिन्दी वाले घबड़ा गए जिसके कारण उन्होंने क्लब में झाँकना तक पसन्द नहीं किया। क्लब में हिन्दी वालों को आता न देखकर अँग्रेज़ी वाले बड़े दुःखित हुए। हिन्दी के विकास के लिए धन लगाकर तन से लगना सब मिट्टी हो गया। हिन्दी वाले पास तक नहीं फटक रहे! क्या किया जाए- हिन्दी वाले क्लब में भड़भड़ाकर कूद पड़ें?
__________________
WRITERS are UNACKNOWLEDGED LEGISLATORS of the SOCIETY! First information: https://twitter.com/rajatvynar https://rajatvynar.wordpress.com/ |
18-04-2017, 03:58 PM | #6 |
Diligent Member
Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 30 |
Re: हिंदी के विकास में लुंगी का महत्व
हिन्दी वालों को आकर्षित करने के लिए अँग्रेज़ी वालों ने एक आपातकालीन बैठक की और लगभग तीन घण्टे तक आपस में अँग्रेज़ी में धुँआधार विचार-विमर्श किया। अन्त में सर्वसम्मति से यह निष्कर्ष निकाला गया कि रिक्शा या ऑटोरिक्शा में लाउडस्पीकर लादकर गली-गली में 'हिन्दी विकास क्लब' का प्रचार किया जाए। हिन्दी वाले अमूमन लुंगी पहनकर साइकिल पर टहलते हैं। इसलिए अँग्रेज़ी वालों को चाहिए कि हिन्दी वालों जैसा दिखने के लिए कोट-सूट-टाई के स्थान पर लुंगी और बनियान पहनकर हिन्दी विकास का कार्यक्रम चलाएँ और 'हिन्दी विकास क्लब' में आते-जाते समय कार से न आकर साइकिल या रिक्शे से आएँ-जाएँ जिससे हिन्दी वाले 'हिन्दी विकास क्लब' में आने से न घबड़ाएँ। इसके अतिरिक्त 'हिन्दी विकास क्लब' में आने वाले हिन्दी वालों को प्रोत्साहित करने के लिए उद्घाटन के बाद रोज़ाना दो ग़र्म समोसा और एक ग़र्म इमरती के साथ एक ग़र्म कॉफ़ी भी देने की घोषणा की गई।
__________________
WRITERS are UNACKNOWLEDGED LEGISLATORS of the SOCIETY! First information: https://twitter.com/rajatvynar https://rajatvynar.wordpress.com/ Last edited by Rajat Vynar; 18-04-2017 at 08:54 PM. |
18-04-2017, 08:52 PM | #7 |
Diligent Member
Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 30 |
Re: हिंदी के विकास में लुंगी का महत्व
रोज़ाना दो ग़र्म समोसा और एक ग़र्म इमरती के साथ एक ग़र्म कॉफ़ी की आकर्षक योजना सुनकर हिन्दी वाले 'हिन्दी विकार क्लब' के नाम से खुले 'हिन्दी विकास क्लब' पर टूट पड़े और धड़ाधड़ क्लब का सदस्य बनने लगे। सदस्यों की संख्या में अच्छी-खासी बढ़ोत्तरी होने के बाद एक दिन 'हिन्दी विकार क्लब' के नाम से खुले 'हिन्दी विकास क्लब' का उद्घाटन किया गया और जिस दिन 'हिन्दी विकार क्लब' का उद्घाटन हो रहा था उस दिन इत्तेफाक से हमारा गुजरना उधर से ही हुआ। अचानक हमारी दृष्टि चमचमाती हुई नई बिल्डिंग के सामने लगे बड़े से बोर्ड पर केन्द्रित हो गई जिस पर लिखा था- 'हिन्दी विकार क्लब'। बोर्ड पढ़कर हमें बड़ी खुशी हुई। हिन्दी साहित्य के विकारों के बारे में जानकारी देने के लिए शहर में नया क्लब जो खुल गया था। उसी समय लाउडस्पीकर पर घोषणा हुई कि क्लब का सदस्य बनकर नियमित रूप से आने वाले सदस्यों को रोज़ाना दो ग़र्म समोसा और एक ग़र्म इमरती के साथ एक ग़र्म कॉफ़ी दी जाएगी। सुनकर हमारी जीभ लपलपाने लगी। यह तो बड़ा अच्छा क्लब है। सदस्यों को रोज़ाना मुफ़्त में नाश्ता-पानी दिया जा रहा है!
__________________
WRITERS are UNACKNOWLEDGED LEGISLATORS of the SOCIETY! First information: https://twitter.com/rajatvynar https://rajatvynar.wordpress.com/ Last edited by Rajat Vynar; 19-04-2017 at 11:07 AM. |
19-04-2017, 01:59 PM | #8 |
Diligent Member
Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 30 |
Re: हिंदी के विकास में लुंगी का महत्व
फिर क्या था? हिन्दी साहित्य के तड़के के साथ रोज़ाना मुफ्त में मिलने वाले दो ग़र्म समोसा और एक ग़र्म इमरती के साथ एक ग़र्म कॉफ़ी से भला कौन मूर्ख हाथ धोना चाहेगा? हम लपकते हुए 'हिन्दी विकार क्लब' के बाहर बने पंजीकरण-काउंटर पर पहुँचे और क्लब की सदस्यता का कार्ड बनवाकर अन्दर दाखिल हुए। 'हिन्दी विकार क्लब' के वातानुकूलित स्वागत-कक्ष की दीवारों पर जगह-जगह पर लिखा हुआ था-
--'हिदी बिकार क्लब मे आपका हर्दिक स्वगत है।' --'हिदी आपकी मात्रभषा ही नही राजभषा भी है। ईसलीये क्रप्या हिदी मे बोलीये।' --'हिदी बिकार क्लब मे इंगलीश मे बुलना सख्त माना है।' --'सदस्यगन क्रप्या हिदी के बिकास मे अपना सकिृय योघधान दे।' पढ़कर हमारे कान खड़े हो गए। इस क्लब में हिन्दी के विकारों के बारे में बताया जा रहा है या हिन्दी में विकार पैदा किया जा रहा है? यह कैसा क्लब है जहाँ पर हिन्दी के विकास के नाम पर हिन्दी की टाँग तोड़कर हिन्दी की अर्थी उठाने की तैयारी चल रही है? इस बात का पता लगाना होगा- कौन इस षड़यन्त्र को अंजाम दे रहा है?
__________________
WRITERS are UNACKNOWLEDGED LEGISLATORS of the SOCIETY! First information: https://twitter.com/rajatvynar https://rajatvynar.wordpress.com/ Last edited by Rajat Vynar; 19-04-2017 at 02:26 PM. |
20-04-2017, 01:51 AM | #9 | |
Diligent Member
Join Date: May 2014
Location: east africa
Posts: 1,288
Rep Power: 66 |
Re: हिंदी के विकास में लुंगी का महत्व
Quote:
हिंदी और अंग्रेजी को लेकर अच्छी व्यंगात्मक रचना। शेयर करने के लिए .. धन्यवाद रजत जी |
|
20-04-2017, 09:22 AM | #10 |
Diligent Member
Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 30 |
Re: हिंदी के विकास में लुंगी का महत्व
हिन्दी के खिलाफ़ इतना बड़ा षड़यन्त्र रचने वालों का खुलासा करना ही पड़ेगा, नहीं तो ये लोग हिन्दी का कचूमर निकालकर हिन्दी साहित्य में 'टुटही हिन्दी युग' पैदा कर देंगे जिसके बारे में इतिहासकार लिखेंगे कि 'टुटही हिन्दी युग का यह काल हिन्दी साहित्य का 'काला युग' था जिसमें हिन्दी की टाँग तोड़कर उसका कचूमर निकाल दिया गया था। हिन्दी का कचूमर बनता देखकर सरकार के कान खड़े हो गए और हिन्दी को बचाने के लिए 'टुटही हिन्दी प्रतिबन्ध अधिनियम-2094' नामक एक कठोर कानून बनाया गया, जिसमें हिंगलिश पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाए जाने के साथ अन्तर्जाल में लिखी हिन्दी में दो प्रतिशत से अधिक गलती पाए जाने पर कठोर दण्ड देने का प्रावधान किया गया था।' उसी समय स्वागत-कक्ष में मौजूद युवती ने 'आपका स्वगत है' कहकर हमारे हाथ में जूस का गिलास थमा दिया जिसके कारण हम कल्पनालोक से बाहर आ गए। युवती ने कहा- 'जल्दी से अन्दर जइए। हिन्दी बिकास का कार्यक्रम सुरू हो चूका है।'
हम क्रोधपूर्वक लपकते हुए अन्दर पहुँचे तो देखा कि बड़ा सा वातानुकूलित हॉल हिन्दी वालों से खचाखच भरा हुआ था।
__________________
WRITERS are UNACKNOWLEDGED LEGISLATORS of the SOCIETY! First information: https://twitter.com/rajatvynar https://rajatvynar.wordpress.com/ Last edited by Rajat Vynar; 20-04-2017 at 09:24 AM. |
Bookmarks |
|
|