|
13-01-2019, 01:07 PM | #1 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
ब्रह्मा जी की पूजा क्यों नहीं होती?
ब्रह्मा जी की पूजा क्यों नहीं होती?
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
13-01-2019, 01:10 PM | #2 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: ब्रह्मा जी की पूजा क्यों नहीं होती?
ब्रह्मा जी की पूजा क्यों नहीं होती?
ब्रह्मा, विष्णु और महेश, इन त्रिमूर्तियों को कौन नहीं जानता है। एक ओर जहां ब्रह्मा जी को सृष्टि का रचयिता माना जाता है, तो वहीं भगवान विष्णु को संसार का पालनहार और भगवान शिव को संहार का देवता माना जाता है। इन त्रिदेवों में से भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा पूरी दुनिया में होती है, लेकिन ब्रह्मा जी की पूजा संसार में कहीं नहीं होती है। क्या आप जानते हैं ऐसा क्यों है?
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
13-01-2019, 01:11 PM | #3 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: ब्रह्मा जी की पूजा क्यों नहीं होती?
ब्रह्मा जी की पूजा क्यों नहीं होती?
ब्रह्मा जी सृष्टि के रचयिता होने के साथ-साथ वेदों के भी देवता माने जाते हैं। उन्होंने ही हमें चार वेदों का ज्ञान दिया। हिंदू धर्म के अनुसार, उनकी शारीरिक संरचना भी बेहद अलग है। चार चेहरे और चार हाथ एवं चारों हाथों में एक-एक वेद लिए ब्रह्माजी अपने भक्तों का उद्धार करते हैं, लेकिन इस देव की पूजा कोई नहीं करता है।
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
13-01-2019, 01:12 PM | #4 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: ब्रह्मा जी की पूजा क्यों नहीं होती?
ब्रह्मा जी की पूजा क्यों नहीं होती?
यूं तो धरती लोक पर ब्रह्माजी के कई मंदिर हैं, लेकिन वहां ब्रह्माजी की पूजा करना वर्जित माना गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार ब्रह्माजी के मन में धरती की भलाई के लिए यज्ञ करने का ख्याल आया। अब यज्ञ के लिए जगह की तलाश करनी थी। इसके लिए उन्होंने अपनी बांह से निकले हुए एक कमल को धरती लोक की ओर भेजा। कहते हैं कि जिस स्थान पर वह कमल गिरा वहां ही ब्रह्माजी का एक मंदिर बनाया गया है। यह स्थान है राजस्थान का पुष्कर शहर, जहां उस पुष्प का एक अंश गिरने से तालाब का निर्माण भी हुआ था।
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
13-01-2019, 01:14 PM | #5 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: ब्रह्मा जी की पूजा क्यों नहीं होती?
ब्रह्मा जी की पूजा क्यों नहीं होती?
पुष्कर में ब्रह्मा जी के दर्शन के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर इस मंदिर के आसपास बड़े स्तर पर मेला लगता है, जिसे पुष्कर मेले के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन फिर भी यहां कोई भी ब्रह्मा जी की पूजा नहीं करता। पौराणिक कथाओं के अनुसार, ब्रह्मा जी यज्ञ करने के लिए ब्रह्मा जी पुष्कर पहुंचे, लेकिन उनकी पत्नी सावित्री ठीक समय पर नहीं पहुंचीं। पूजा का शुभ मुहूर्त बीतता जा रहा था। सभी देवी-देवता यज्ञ स्थली पर पहुंच गए थे, लेकिन सावित्री का कोई अता-पता नहीं था। कहते हैं कि जब शुभ मुहूर्त निकलने लगा, तब कोई उपाय न देखकर ब्रह्मा जी ने नंदिनी गाय के मुख से गायत्री को प्रकट किया और उनसे विवाह कर अपना यज्ञ पूरा किया।
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
13-01-2019, 01:16 PM | #6 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242 |
Re: ब्रह्मा जी की पूजा क्यों नहीं होती?
ब्रह्मा जी की पूजा क्यों नहीं होती?
कहते हैं कि जब सावित्री यज्ञ स्थली पहुंचीं, तो वहां ब्रह्मा जी के बगल में किसी और स्त्री को बैठे देख वो क्रोधित हो गईं। गुस्से में उन्होंने ब्रह्मा जी को शाप दे दिया और कहा कि जाओ इस पृथ्वी लोक में तुम्हारी कहीं पूजा नहीं होगी। हालांकि बाद में जब उनका गुस्सा शांत हुआ और देवताओं ने उनसे शाप वापस लेने की विनती की तो उन्होंने कहा कि धरती पर सिर्फ पुष्कर में ही ब्रह्मा जी की पूजा होगी। इसके अलावा जो कोई भी आपका दूसरा मंदिर बनाएगा, उसका विनाश हो जाएगा।
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
Bookmarks |
Tags |
ब्रह्मा जी, brahma ji |
|
|