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20-12-2010, 11:29 AM | #1 |
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Happy New Year!
हेलो दोस्तो! यह कैसा विचित्र सा समय है। वर्ष के बीत जाने का दुख और नए वर्ष के आने की खुशी, दोनों ही अहसास इस कदर घुलमिल गए हैं कि उनमें भेद कर पाना कठिन हो रहा है। ऐसा लगता है मानो हम बीते वर्ष के साथ अभी पूरी तरह जी भी नहीं कह पाए थे कि वह हाथ से निकल गया। कितना कीमती था वह हर पल, हर लम्हा, हर दिन, हर सप्ताह और हर महीना! आज उसकी अहमियत समझ में आ रही है। मन में यही कसक उठती है कि काश एक बार फिर से यही वर्ष जीने को मिल जाए तो वे सारे पल जिसकी हम कद्र नहीं कर पाए, उसे आदरपूर्वक गले लगा लेते। वर्ष के हर क्षण का सदुपयोग कर पाते। पर गया वक्त कभी हाथ आया है क्या? इस वास्तविकता को स्वीकार करते हुए नए वर्ष का पूरे सम्मान के साथ स्वागत करना चाहिए।
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20-12-2010, 11:32 AM | #2 |
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Re: नए साल में खुसी का पैगाम
जो छूट गया उसका अफसोस करने के बजाए जो आने वाला है उसके स्वागत की तैयारी करनी है हमें। हमें नहीं भूलना चाहिए कि हमारी जरा सी चूक से आने वाला समय भी हमसे कतराकर चला जाएगा। हमारा फर्ज बनता है कि आने वाले हर लम्हे के लिए हम सतर्क हो जाएँ। आने वाले हर पल का हिसाब हमारे मन में, हमारी डायरी में भली-भाँति होना चाहिए। आने वाले वर्ष का हर लम्हा, हर दिन हमारे लिए अनेक अनमोल तोहफे और कामयाबी की सौगात लेकर खड़ा है। उसे जतन और प्यार से हासिल करने का सचेत प्रयास हमें जी-जान से करना चाहिए। आने वाला हर समय खुशियों के अनेक रंगों के गुलदस्ते लिए हमारे इंतजार में है इसलिए बेहद चतुराई से आलस को चकमा देकर उसे हमें हासिल करना है।
यह बहुत ही सही समय है जब हमें बारीकी से विचार कर लेना चाहिए कि हम कहाँ-कहाँ चूक गए और हमें संकल्प लेना चाहिए कि वह भूल हम फिर नहीं दुहराएँ। समय तभी तक हमारा है जब तक हम कुछ सोच सकते हैं और उसके अनुरूप कार्य कर सकते हैं। जब हमारे अंदर वह ताकत नहीं बचती कि हम अपनी सोच को साकार कर सकें तो वह समय हमारा होकर भी हमारा नहीं होता इसीलिए उन सभी लोगों के लिए यह समय बेशकीमती बन जाता है जो वयस्क हैं और जिन्हें अपने सपने को साकार करने का मौका मिला है। |
20-12-2010, 11:33 AM | #3 |
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Re: नए साल में खुसी का पैगाम
हमें आने वाले वर्ष में इस बात का बेहद सतर्कता से ध्यान रखना चाहिए कि हम खुद को न भूलें। समय का सही उपयोग तभी होता है जब हम स्वयं को खुश रखने के बारे में गंभीरता से सोचें। एक खुश व्यक्ति अपनों को भी खुश रखने की चेष्टा करता है। कहते हैं प्रेम से जो खुशी मिलती है वह और किसी चीज से नहीं मिल सकती। प्रेम से जो प्रेरणा मिलती है वह हर हौसले को इतना बुलंद कर देती है कि सागर, पर्वत सब तुच्छ जान पड़ते हैं पर प्रेम के सही मायने तभी तक सार्थक लगते हैं जब तक इसकी ताकत से जीवन को सकारात्मकता के साथ रचा जाए। इसकी ताकत का सही उपयोग तभी होता है जब प्रेम की भावना में मिट जाने के बजाए निर्माण की सोचें। |
20-12-2010, 11:37 AM | #4 |
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Re: नए साल में खुसी का पैगाम
प्यार के रिश्ते में भावनाओं का नियंत्रण बेहद जरूरी है। जिस प्रकार संभलकर बिजली का उपयोग करने पर हमारा घर रोशन हो उठता है पर जरा सी लापरवाही से सब कुछ खाक हो जाता है। उसी प्रकार प्रेम से भी जीवन में तभी तक प्रकाश मिलता है जब तक हम होश में रहें। आवेश में किए गए वायदे, बड़े-बड़े दावे पूरे नहीं होने पर वे साथी को बहुत आहत करते हैं। इस रिश्ते में यदि लंबी रेस का घोड़ा बनना है तो कछुए की चाल चलना ही ठीक है। धीमी गति ही सही पर आप मंजिल तक सोच-समझकर पहुँच तो पाएँगे।
यदि प्रेम में कोई भी साथी दूसरे को गंभीरता से नहीं लेता है, केवल अपनी सुविधा, अपनी मर्जी से रिश्ते को चलाना चाहता है तो सामने वाला अपना धैर्य खो देता है। कोई पूरी निष्ठा, ईमानदारी से कितना भी समर्पित भाव क्यों न रखता हो उसके बलिदान की भी सीमा होती है। एक वक्त आता है जब ऐसे रिश्ते बेजान होकर टूट जाते हैं। प्रेम के रिश्ते में दोस्ती की भावना को सबसे ज्यादा अहमियत देनी चाहिए ताकि दोनों को समान रूप से उसकी शक्ति मिलती रहे। प्रेम करने वाले एक-दूजे के साथ चाहे जैसा भी व्यवहार करें, जितना भी समय बिताएँ पर नेकनीयती का दामन न छोड़ें। यदि एक दूसरे के बारे में नीयत साफ न हो तो वह प्यार अपनी गरिमा खो देता है। कई बार अच्छा समय बिताने को भी प्यार का नाम दे देते हैं। पर समय के बीतने के साथ ही उसकी गहराई समझ में आ जाती है। दोनों की भावना, नीयत एक समान है या नहीं इसे जानने का एक ही तरीका है, समय। जिस रिश्ते को दूर तक ले जाना है, उसे धीमी गति से परखने का मौका देना चाहिए। नए वर्ष में पूरी ईमानदारी से रिश्ते को निभाने का संकल्प लें। जिनके दिल टूट गए हैं उनके लिए जिंगल बेल अवश्य बजेंगे। बस इस बार प्यार का दामन जीवन को संवारने के लिए थामें, जिंदगी में घुन लगाने के लिए नहीं। |
20-12-2010, 11:39 AM | #5 |
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Re: नए साल में खुसी का पैगाम
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20-12-2010, 11:49 AM | #6 |
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Re: नए साल में खुसी का पैगाम
समय ही सत्य है
समय सतत है समय अनवरत है सामान्य कभी उल्टा नहीं चलता समय किसी का ना इन्तजार करता है ना रुकता है यदि हम समय की कद्र नहीं करेंगे तो समय हमारी कद्र नहीं करेगा |
31-12-2010, 06:36 AM | #7 |
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Happy New Year!
MyHindiForum के सभी सदस्यों को फोरम प्रबंधन की तरफ से नव वर्ष के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं!
उम्मीद है, आने वाला वर्ष आपके लिए खुशहाली से भरा होगा, और ये खुशियाँ आप हम लोगों के साथ भी बांटते रहेंगे!
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31-12-2010, 06:41 AM | #8 |
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Re: Happy New Year!
मेरी तरफ से नव वर्ष के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं!
आप दिन दुगनी रात चोगनी में चोच मारते रहे और नए साल को मानते रहे ह आहा हा (मजाक) |
31-12-2010, 06:58 AM | #9 |
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Re: Happy New Year!
Pal Pal se banta hai Ehasas,ehsas se banta hai Vishvas,vishvas se bante hai Rishte,aur rishte se banta hai koi Khas,Jaise Aap.....Happy New ...2011
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ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
31-12-2010, 07:31 AM | #10 |
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Re: Happy New Year!
आवो क्यो आज माजा करे
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ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
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