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16-05-2013, 07:35 AM | #1 |
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भारतीय सिनेमा 100 साल : 100 डायलॉग
भारतीय सिनेमा तीन मई, शुक्रवार को क्लिक करें 100 साल पूरे कर रहा है. इस मौके पर बीबीसी अपने पाठकों के लिए लेकर आया है हिंदी फिल्मों के 100 यादगार डायलॉग. बीबीसी के लिए ये संवाद चुने वरिष्ठ फिल्म समीक्षक जयप्रकाश चौकसे ने. पेश है इन 100 डायलॉग
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मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
16-05-2013, 07:36 AM | #2 |
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Re: भारतीय सिनेमा 100 साल : 100 डायलॉग
1. फ़िल्म रोटी (1941)
सड़क पर एक भूखा इंसान भीख माँग रहा है लेकिन उसकी कोई मदद नहीं करता. नायक- रोटी माँगने से नहीं मिले तो छीनकर ले लो....मार कर ले लो.
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16-05-2013, 07:37 AM | #3 |
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Re: भारतीय सिनेमा 100 साल : 100 डायलॉग
2. रोटी (1941)
एक मुसलमान (शेख मुख़्तार) रेलवे स्टेशन पर खड़ा है और एक व्यक्ति चाय बेच रहा है- हिंदू चाय एक आना... शेख मुख़्तार चाय पीता है. उधर से दूसरा आदमी- मुस्लिम चाय एक आना करके चाय बेचता है. शेख मुख़्तार उससे भी चाय ख़रीदता है पर उसकी गर्दन पकड़ लेता है. शेख मुख़्तार- एक ही चाय दो नाम से क्यों बेच रहे हो ?
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16-05-2013, 07:37 AM | #4 |
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Re: भारतीय सिनेमा 100 साल : 100 डायलॉग
3.सिकंदर (1942)
जहाँ पोरस की सेना सिकंदर से हार जाती है. सिकंदर ( पृथ्वीराज कपूर)- तुम्हारे साथ क्या सुलूक किया जाए? पोरस ( सोहराब मोदी) – जो एक राजा दूसरे राजा के साथ करता है.
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16-05-2013, 07:39 AM | #5 |
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Re: भारतीय सिनेमा 100 साल : 100 डायलॉग
4. दहेज (1949)
लालची ससुराल वाले हीरोइन से दहेज की माँग करते रहते हैं पिता (पृथ्वीराज कपूर)- देख बेटी मैं सारा सामान लाया हूँ. तू कागज़ से मिलाकर देख हर एक चीज़ लाया हूँ पुत्री- पिताजी आप एक चीज़ लाना भूल गए. पिता-क्या पुत्री- कफन (और वह मर जाती है क्योंकि लोभी ससुराल की न रुकने वाली माँगों के कारण वो ज़हर खा चुकी थी)
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16-05-2013, 07:40 AM | #6 |
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Re: भारतीय सिनेमा 100 साल : 100 डायलॉग
5. आवारा (1951)
नायक पर मुकदमा चल रहा है. नायक- जज साहब, मै जन्म से अपराधी नहीं हूं. मेरी माँ चाहती थी कि मैं पढ़ लिखकर वकील बनूँ, जज बनूँ परंतु हमारी बस्ती से एक गंदा नाला गुज़रता है जिसमें अपराध के कीड़े बहते हैं. मेरी फिक्र छोड़िए, मुझे सज़ा दीजिए परंतु इन मासूम बच्चों को बचा लीजिए ( अदालत की ऊपरी गैलरी में बच्चे भी बैठे हैं)
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