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28-07-2024, 12:35 PM | #1 |
Diligent Member
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रुका नहीं बचपन
रुका नहीं बचपन
◼️◼️◼️◼️◼️◼️ रुका नहीं बचपन कि रोके बहुत रो के खोज रहे नैन जिसे चैन-वैन खो के वो राजा व रानी की मोहक कहानी कि जम के नहाना वो बारिश का पानी तरसेगा कौन नहीं व्यक्ति युवा हो के रुका नहीं बचपन कि रोके बहुत रो के कागज की नाव, गाँव, मस्ती के झूले इस पन में उस पन का दौर नहीं भूले खिलते वे फूल नहीं देख लिये बो के रुका नहीं बचपन कि रोके बहुत रो के छूट गए खेल सभी मीत औ मिताई जो गयी उमंग कभी लौट के न आई पीछे पड़ी है अभी उम्र हाथ धो के रुका नहीं बचपन कि रोके बहुत रो के थी रोटी की चिंता न घर के झमेले लगते थे बचपन में खुशियों के मेले कटते हैं दिन अब तो भार कई ढो के रुका नहीं बचपन कि रोके बहुत रो के गीत- आकाश महेशपुरी दिनांक- 24/07/2024 ◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️◼️ वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी' ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274309 मो- 9919080399 Last edited by आकाश महेशपुरी; 30-07-2024 at 08:21 AM. |
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