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छाया सानिया का जलवा
![]() ब्रिस्बेन. भारत की टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने नए साल की अच्छी शुरुआत की। उन्होंने बेथानी माटेक सैंड्स को पार्टनर बनाकर डब्ल्यूटीए ब्रिसबेन अंतरराष्ट्रीय टेनिस खिताब जीत लिया है। दूसरी वरीयता प्राप्त सानिया-बेथानी ने चौथी वरीयता प्राप्त अन्ना लीना ग्रोएनफेल्ड (जर्मनी) और क्वेता पेशके (चेक रिपब्लिक) को 4-6, 6-4,10-7 से हराया। सानिया के कॅरियर का यह 15वां खिताब है। विजेता जोड़ी को 51 हजार डॉलर इनाम में मिले।
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...जब मैरीकॉम ने फिकरा कसने पर की रिक्शेवाले की धुनाई
![]() दार्जिलिंग: ओलिंपिक कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम का मानना है कि महिलाओं को दिल्ली गैंगरेप जैसी घटनाओं से बचने के लिए मार्शल आर्ट सीखना चाहिए। उन्होंने एक रिक्शावाले का उदाहरण दिया, जिसे फिकरा कसने पर उन्होंने कड़ी सीख दी। मैरीकॉम ने कहा, मार्शल आर्ट को सिर्फ खेल की तरह नहीं लेना चाहिए। मैं सभी महिलाओं से मार्शल आर्ट सीखने का अनुरोध करूंगी, ताकि वे अपना बचाव कर सकें। उन्होंने कहा, यदि मैं मुक्केबाजी कर सकती हूं, तो बाकी महिलाएं क्यों नहीं। उन्होंने कहा, मैंने कुछ समय पहले एक रिक्शावाले को पीटा था, जिसने अश्लील भाषा का इस्तेमाल करना शुरू किया, तो मेरा पारा चढ़ गया। वह दार्जिलिंग चाय और पर्यटन महोत्सव के मौके पर बोल रही थीं।
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आखिरी वनडे 10 रन से जीती टीम इंडिया, कप्तान धोनी मैन ऑफ द मैच
![]() नई दिल्ली. फिरोजशाह कोटला के ऐतिहासिक मैदान पर भारत ने पाकिस्तान को 10 रनों से हराया। इस जीत के साथ ही धोनी एंड कंपनी ने क्लीन स्वीप को टाल दिया। पाकिस्तान ने सीरीज पर 2-1 से कब्जा जमाया। दूसरी तरफ सेलेक्टर्स ने इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू वनडे सीरीज के लिए टीम का ऐलान किया। टीम में सिर्फ एक बदलाव किया गया है। वीरेंद्र सहवाग की जगह चेतेश्वर पुजारा को शामिल किया गया है। फ्लॉपस्टार रोहित शर्मा टीम में बरकरार हैं। कप्तान धोनी को जुझारू 36 रन की पारी और बेहतरीन विकेटकीपिंग करने के लिए मैन ऑफ द मैच दिया गया। पाकिस्तान के स्टार ओपनर नासिर जमशेद को प्लेयर ऑफ द सीरीज का अवार्ड मिला। टीम इंडिया की नए साल में यह पहली जीत है। भारत द्वारा दिए 168 रन के टार्गेट का पीछा करते हुए पाकिस्तान की टीम 48.5 ओवरों में ऑल आउट हो गई। भारत के डेब्यू ब्वॉय शामी अहमद ने 23 रन देकर 1 विकेट लिया। इशांत शर्मा को 3 और भुवनेश्वर कुमार को 2 विकेट मिले। पाकिस्तान के लिए कप्तान मिस्बाह उल हक ने 39 और ओपनर नासिर जमशेद ने 34 रन बनाए। भारतीय टीम के टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों के फ्लॉप होने के बाद लग रहा था पाकिस्तान यहां पर बड़ी जीत दर्ज कर सीरीज में मेजबान का सूपड़ा साफ कर देगा। लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने कसी हुई बॉलिंग कर मैच का पासा पलट दिया। भुवनेश्वर कुमार और डेब्यू करने वाले अमरोहा के शामी अहमद ने टीम को बेहतरीन शुरुआत दी। एक छोर से शामी दबाव बना रहे थे, तो दूसरे छोर से भुवनेश्वर विकेट निकाल रहे थे। भुवनेश्वर ने ओपनर कामरान अकमल और यूनिस खान को सस्ते में आउट कर टीम को अच्छा आगाज दिया। मिस्बाह उल हक और नासिर जमशेद के क्रीज पर जमने के बाद मैच भारत के हाथों से निकलता दिख रहा था, लेकिन मेजबान टीम के स्पिनर्स ने मैच में वापसी करवाते हुए इन दोनों को चलता किया। अश्विन ने दोनों बल्लेबाजों को आउट किया।
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![]() ईरानी ट्रॉफी में शेष भारत के खिलाफ शानदार शतक लगाने के बाद सचिन तेंदुलकर का आत्मविश्वास काफी बढ़ गया है। आज सुबह उन्होंने एक बयान में कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले ईरानी कप उनके लिए एक अच्छा अभ्यास मैच साबित हो गया। सचिन ने बताया कि किसी भी बड़े सीरीज से पहले इस तरह का अभ्यास मैच मिलना हमेशा किसी भी खिलाड़ी के लिए अच्छा होता है। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज भारत के लिए काफी मायने रखती है। उन्हें उम्मीद है कि सभी खिलाड़ी इसे सकारात्मक रूप से देख रहे होंगे। सचिन के इस बयान के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम में खलबली मच सकती है, क्योंकि उनके इस बयान से साफ पता चल रहा है कि सचिन तेंदुलकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज को खेलने को लेकर कितने बेताब हैं। गौरतलब है कि सचिन तेंदुलकर ने ईरानी ट्रॉफी में शेष भारत के खिलाफ नाबाद 140 रनों की पारी खेली और प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 81 शतकों के साथ सुनील गावस्कर की बराबरी की। सचिन ने कहा कि वानखेड़े स्टेडियम की पिच ऐसी है जिसपर गति और उछाल को समझने के लिए थोड़ा समय देने की जरूरत होती है। मैंने भी ऐसा ही किया। सचिन ने कहा कि वे माहौल के अनुकूल ही बल्लेबाजी करते हैं। उन्हें अपनी स्टाइल पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि आप पूरी पारी को एक जैसा ही प्लान नहीं कर सकते। ऑस्ट्रेलियाई सीरीज से पहले सचिन तेंदुलकर का यह शतक टीम इंडिया के लिए काफी मायने रखता है। भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टेस्ट मैच 22 फरवरी से चेन्नई में खेला जाएगा।
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तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
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![]() आईपीएल सीजन 6 के लिए जैसे ही खिलाडि़यों की नीलामी खत्म हुई ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को एक मैसेज भेजा। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया से बातचीत के दौरान इस बात का खुलासा करते हुए पोंटिंग ने बताया कि नीलामी खत्म होते ही मैंने सचिन तेंदुलकर को एक मैसेज भेजा, जिसमें यह लिखा हुआ था कि उनके साथ खेलने को लेकर वे काफी रोमांचित हैं। वे सकारात्मक सोच रखे हुए हैं। इसके बाद सचिन तेंदुलकर ने भी उन्हें यही मैसेज लिखकर रिप्लाई किया। उल्लेखनीय है कि आईपीएल नीलामी में पोंटिंग को मुंबई इंडियंस ने 400000 डॉलर में खरीदा है। पोंटिंग ने बताया कि हमने काफी दिनों तक एक-दूसरे के विरुद्ध खेला है। अब हम कुछ समय के लिए साथ खेलेंगे। इसमें बहुत मजा आने वाला है। उन्होंने कहा कि बहुत कम समय के लिए ही सही, लेकिन तेंदुलकर से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। साथ ही तेंदुलकर को भी थोड़ा बहुत उनसे कुछ सीखने को मिलेगा। पोंटिंग ने पिछले साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई टूर्नामेंट बिग बैश लीग में वे हिस्सा लेते रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें इस लीग में काफी मजा आया और इस बात में कोई शक नहीं कि वे आईपीएल में भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे। भविष्य में घरेलू टूर्नामेंट और टी-20 मुकाबलों में खेलने पर किए गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अभी वे इस मामले में किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं।
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सचिन तेंदुलकर ने ईरानी ट्रॉफी में शेष भारत के खिलाफ शतक ठोककर यह बता दिया है कि वे फॉर्म में हैं और कंगारुओं के लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं, लेकिन उनकी पारी के दौरान एक ऐसा मौका आया, जहां थोड़ी सी चूक होने पर भारतीय उम्मीदों पर पानी फिर सकता था। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर गंभीर रूप से चोटिल होते-होते बच गए और उन्हें चोटिल करने के पीछे पड़े थे तेज गेंदबाज एस. श्रीसंत।
दरअसल, मुंबई पारी के 90वें ओवर में श्रीसंत का सामना सचिन तेंदुलकर कर रहे थे। उस ओवर की तीसरी गेंद पर श्रीसंत ने बाउंसर करने की कोशिश की, लेकिन गेंद काफी नीचे रहते हुए लो बाउंसर में बदल गई। सचिन ने पीछे झुकते हुए उससे बचने का भरपूर प्रयास किया, लेकिन झुकते-झुकते गेंद उनके कंधे से टकराते हुए स्लिप में चली गई। वो तो शुक्र था कि गेंद सिर्फ कंधे का किनारा लेते हुए गई। अगर सचिन झुकने में नाकाम होते तो उनका कंधा गंभीर रूप से चोटिल हो सकता था, क्योंकि गेंद काफी तेज गति की थी। इसमें कोई शक नहीं कि सचिन तेंदुलकर एक महान क्रिकेटर हैं। वे गेंद को अंत समय तक देखते रहे। यही कारण रहा कि वे खुद को बचाने में सफल रहे। मैच के बाद श्रीसंत ने बताया भी कि वे सचिन तेंदुलकर को कई मौकों पर बाउंसर करने का प्रयास कर रहे थे, ताकि वे उन्हें आउट कर सकें। हालांकि वे सफल नहीं हो सके। सचिन तेंदुलकर 140 रन बनाकर नाबाद रहे। ऑस्ट्रेलियाई टीम भी यह चुकी है कि उसे भारत में सबसे अधिक खतरा सचिन तेंदुलकर से है। अगर ऐसे में सचिन घायल हो जाते तो उनका भय खत्म हो जाता। यह टीम इंडिया के लिए मुश्किल भरी बात हो सकती थी।
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ईरानी ट्रॉफी में रेस्ट ऑफ इंडिया टीम की तरफ से खेल रहे बंगाल के शेर मनोज तिवारी ने एक राज की बात बताई है। उन्होंने कहा कि इस बात को बहुत कम लोग ही जानते हैं, लेकिन मेरी क्रिकेट वापसी को लेकर यह बात बहुत मायने रखती है।
तिवारी ने राज का खुलासा करते हुए कहा कि बात 2007 की है, जब उनका चयन बांग्लादेश दौरे के लिए हुआ था। दुर्भाग्यवश अभ्यास सत्र के दौरान उनका कंधा चोटिल हो गया और वे सीरीज में नहीं खेल सके। इसके बाद जब टीम इंडिया बांग्लादेश जाने की तैयारी में थी तो मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर कोलकाता में थे। उन्हें चोट के बारे में पता था। एक दिन सचिन ने उन्हें फोन किया और कंधे की चोट के बारे में पूछा। इतना ही नहीं, उन्होंने मेरे फिट होने के लिए लंदन के एक स्पेशलिस्ट डॉक्टर से इलाज का पूरा इंतजाम भी करवाया। उसके बाद ही मैं फिट हो पाया। मुझे यह कहने में बिलकुल भी झिझक नहीं होगी कि सचिन तेंदुलकर की वजह से मैं दोबारा क्रिकेट खेलने के लायक हुआ। तिवारी ने उस दुखद क्षण के बारे में बताते हुए कहा कि 2007 में जब सर्वश्रेष्ठ घरेलू बल्लेबाज बनने के बाद उनका चयन बांग्लादेश दौरे के लिए टीम इंडिया में हुआ तो वे बहुत खुश थे। वे भारत के लिए अपनी पारी की शुरुआत करने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त थे, लेकिन दुर्भाग्यवश अभ्यास सत्र के दौरान उनका कंधा चोटिल हो गया। उन्होंने बताया कि उस रात मैं एक छोटे बच्चे की तरह खूब रोया था। मेरा सपना पलभर में चूर-चूर हो गया था। मनोज तिवारी का क्रिकेट की दुनिया में कदम रखना भी मुश्किलों भरा रहा है। अपनी पुरानी यादों को ताजा करते हुए उन्होंने बताया कि वे एक मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखते थे। मध्यम वर्गीय परिवार के पास कई चुनौतियां होती हैं। ऐसे में माता-पिता के पास बच्चों के भविष्य को लेकर अधिक विकल्प नहीं होते। मेरे माता-पिता के पास भी दो ही विकल्प थे। या तो मेरा पूरा ध्यान क्रिकेट पर हो या फिर मैं उच्च शिक्षा हासिल करूं, लेकिन उन्होंने मेरा बहुत साथ दिया। पैसों की कमी थी, फिर भी मुश्किलों से 5000 रुपये का इंतजाम करके मेरे लिए क्रिकेट किट खरीदा गया। मैं जब अंडर-16 टूर्नामेंट से वापस लौट रहा था तो दो अनजान लोगों ने मुझे लूट लिया और मेरा सारा किट छीन लिया। उस घटना के बाद मैं काफी रोया था। मैं जानता था कि मेरे माता-पिता ने कितनी मुश्किलों से पैसों का इंतजाम करके वह किट खरीदा था, लेकिन उसके बावजूद वे मेरे पीछे खड़े रहे। तिवारी ने बताया कि वे कई बार रात का खाना नहीं खाते थे ताकि कुछ पैसे बच सकें। मैच के दौरान मिलने वाले स्नैक्स से ही कई बार अपना पेट भरते थे। उन्होंने अपने बचपन के दिनों को बहुत मुश्किल भरा बताया है। मनोज तिवारी ने बताया कि उन्होंने अपनी पहली पूरी कमाई मां के हाथों में दी।
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