|
14-04-2012, 12:18 AM | #1 |
Diligent Member
|
माँ की ममता और फर्ज बाप का
माँ की ममता और फर्ज बाप का
दुनिया में सब पे भारी है बेटी नाम दुलार का है नाम समर्पण का नारी है भाई सा सच्चा साथी दुनिया में कोई और नहीं . सच्चे यार की वफ़ा जैसा दुनिया में कोई और नहीं .. बहन है सच्ची रक्षक दुःख सुख की संगी है दादा परिवार की नीव जिस पर परिवार की ईमारत खड़ी है दादी ठंडी छाव् बनके सर के ऊपर छत सी पड़ी है ये दोनों है आने वाले कल प्रेरणा बिना इनके जिन्दगी बे रंगी है बेटे है जमा पूंजी जो काम वक़्त पे आये जवानी का गौरव है बेटे और बुढ़ापे की लाठी है बिना बेटे के बाप की जिंदगी ही बे ढंगी है सोमबीर सिंह सरोया 9321083377 sombirnaamdev@gmail.com sombirnaamdev@yahoo.com sombirnaamdev@rediffmail.com Last edited by sombirnaamdev; 14-04-2012 at 12:29 AM. |
14-04-2012, 10:42 AM | #2 | |
Senior Member
Join Date: Feb 2012
Location: जिला गाजीपुर
Posts: 261
Rep Power: 16 |
Re: माँ की ममता और फर्ज बाप का
Quote:
आपका धन्यवाद! |
|
14-04-2012, 10:44 AM | #3 |
Administrator
|
Re: माँ की ममता और फर्ज बाप का
bahut hi badhiya sombir ji..
__________________
अब माई हिंदी फोरम, फेसबुक पर भी है. https://www.facebook.com/hindiforum |
14-04-2012, 10:20 PM | #4 |
Diligent Member
|
Re: माँ की ममता और फर्ज बाप का
सौरभ जी और अभि जी ,आपने मेरी पंक्तियों को पढ़ा और पसंद किया उस के लिए आपका बहूत बहूत आभार व्यक्त करता हूँ ,
उम्मीद है आगे भी इसी तरह आपका साथ मिलता रहेगा Last edited by sombirnaamdev; 14-04-2012 at 10:26 PM. |
14-04-2012, 10:46 PM | #5 | |
Administrator
|
Re: माँ की ममता और फर्ज बाप का
Quote:
आपकी अगली रचनाओं का इंतज़ार रहेगा.
__________________
अब माई हिंदी फोरम, फेसबुक पर भी है. https://www.facebook.com/hindiforum |
|
Bookmarks |
Tags |
discussion, hindi forum, hindi poem, kavita, poems |
|
|