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11-04-2014, 12:53 PM | #1 |
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गूगल के बारे में कुछ ऐसे मजेदार ट्रिक
गूगल के बारे में कुछ ऐसे मजेदार ट्रिक जो आप नही जानते होगे
गूगल को अगर दुनिया का बेस्ट सर्च इंजन,तो गलत नही होगा। क्लीन और साधारण होम पेज वाला गूगल काफी मजेदार हे। आइए जानते हे गूगल पर की जा सकने वाली एसी ट्रिक जो रोचक तो हे ही और आसान भी। ये जीरो खा जाएगे आपके सर्च रिजल्ट स्टारक्राफ्ट विडियो गेम सीरीज में जर्ग एलियन्स की एक फोज हे। जेसे ही आप गूगल पर जर्ग रश टाइप करेगे बहूत सारे जीरो आपके सर्च आइटम को डिलीट करने लगेगे। आपको उन पर क्लिक कर अपने पेज को बचाना होगा। हालाकि यह मजेदार गेम बना ही ऐसे हे कि आप इसमें जीत नही पाएगे। अपने नाम का होम पेज गूगल का होम पेज देखकर आप बोर हो गए हे और उस पर अपना नाम देखना चाहते हे,तो बस टाइप करना होगा (goglogo) उसके बाद आप जो नाम चाहे उस नाम का गूगल आपके सामने होगा। गूगल पर बजता हे गिटार गिटार जीनियस लेस पोल के सम्मान में बना गूगल का गिटार डूडल अभी भी मोजूद हे। सिर्फ टाइप कीजिए गूगल गिटार। आप न सिर्फ इसे बजा सकते,बल्कि रिकोर्ड भी कर सकते हे। गोल गोल हो सकता हे गूगल अगर आपको गूगल सर्च बोरिंग लगता हे तो आप इसे बदल सकते हे। ऐसा करने में गूगल स्फीयर आपकी मदद करेगा। जेसे ही सर्च स्पेस में गूगल स्फीयर टाइप करेगे होम पेज तेजी से गोल घूमेगा। घुमते हुए विकल्पों में से अपना विकल्प चुनना और रिजल्ट पाना काफी रोचक होगा । ग्रेविटी को देता हे चुनोती गूगल पर गूगल ग्रेविटी टाइप करते ही आपके पेज के सारे कंटेट ग्रेविटी के अभाव में नीचे गिर जाएगे। इसके विपरीत गूगल स्पेस टाइप करने पर सारा कंटेट उड़ने लगता हे। माऊस से इन्हें ड्रेग और क्लिक करना बड़ा ही मजेदार लगता हे। दूसरो के लिए भी करो गूगल सर्च अगर कोई ऐसा हे जिसके लिए आप कुछ करना चाहते हे तो लेट मी गूगल देट फॉर यूं आपकी मदद करेगा। यह की वर्ड टाइप करने पर जो भी कुछ सर्च आप करेगे आप उसे अपने दोस्त को वही से मेल कर सकते हे। Last edited by rafik; 11-04-2014 at 01:01 PM. |
15-05-2014, 12:06 PM | #2 |
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Re: गूगल के बारे में कुछ ऐसे मजेदार ट्रिक
महत्वपूर्ण प्रोग्रामिंग भाषाएं (importent programming language )
परिचय (Introduction) कम्प्यूटर एक मशीन है और वह हमारी बोलचाल की भाषा को समझ नहीं सकता। इसके लिए प्रोग्राम, विशेष प्रकार की भाषा में लिखे जाते हैं। इन भाषाओं को प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के नाम से जानते हैं। आजकल ऐसी सैकड़ों भाषाएं प्रचलन में हैं। ये भाषाएं कम्प्यूटर और प्रोग्रामर के बीच संपर्क या फिर संवाद स्थापित करने का काम करती हैं। कम्प्यूटर उन्हीं के माध्यम से दिए गए निर्देशों को समझकर काम करता है। कम्प्यूटर द्वारा किए जाने वाले अलग अलग कार्यों के लिए अलग-अलग तरह की लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें कुछ प्रमुख प्रोग्रामिंग लैंग्वेज इस प्रकार हैं- लो-लेवल लैंग्वेज (Low Level Languages) वे लैंग्वेज जो कम्प्यूटर की आंतरिक कार्यप्रणाली को ध्यान में रखकर बनाई गई हंै लो लेवल लैंग्वेज कहलाती हैं। इसमें प्रोग्राम लिखने वाले व्यक्ति को कम्प्यूटर की आंतरिक क्रिया प्रणाली की जानकारी होना आवश्यक है। इसको निम्न स्तरीय लैंग्वेज इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें प्रोग्राम लिखना पूरी तरह से उस कम्प्यूटर पर निर्भर करता है जिस पर यह लिखा जा रहा है। इस लैंग्वेज को पुन: दो अन्य भाषाओं में बांटा जा सकता है। 1. मशीन लैंग्वेज (Machine Languages) - कम्यूटर एक मशीन है जो केवल विद्युत संकेतों को ही समझ सकती है। इन विद्युत संकेतों को ऑफ या 0(शून्य) व ऑन या 1(एक) द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। इन अंको के बायनरी अंक कहते हैं। कम्प्यूटर केवल इन बाइनरी अंकों में दिए गए निर्देशों को समझ सकता है। इन बाइनरी अंको से बनी लैंग्वेज को हम मशीन लैंग्वेज कहते हैं। जैसे- 0100100011100110011....... 2. असेंबली लैंग्वेज (Assembly Languages) - अंसेबली लैंग्वेज वे भाषाएं होती हैं जो पूरी तरह से मशीन लैंग्वेज पर आधारित होती हैं। लेकिन इनमें 0 व 1 की सीरीज के स्थान पर अंग्रेजी के कुछ अक्षरों व कुछ चुने हुए शब्दों का कोड के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इन कोडों को नेमोनिक कोड या शाब्दिक कोड के नाम से जाना जाता है। 3. हाई लेवल लैंग्वेज (High Level Languages) - जैसा कि लो-लेवल लैंग्वेज के लिए बताया गया कि प्रोग्राम लिखने के लिए कम्प्यूटर की आंतरिक कार्यप्रणाली का ज्ञान होना जरूरी है। दूसरा प्रत्येक कम्प्यूटर की अपनी अलग मशीनी भाषा और असेम्बली भाषा होती है। अत: एक तरह के कम्प्यूटर के लिए इन भाषाओं में लिखा गया प्रोग्राम दूसरी तरह के कम्प्यूटरों के लिए बेकार हो जाता है। अत: ऐसी प्रोग्रामिंग भाषाओं का विकास किया गया जो सिस्टम की आंतरिक कार्यप्रणाली पर आधारित न हो और जिनमें लिखे गए प्रोग्रामोंको किसी भी प्रकार के सिस्टम पर चलाना संभव हो। इन भाषाओं को हाई लेवल भाषा कहा जाता है। हाई लेवल प्रोग्रामिंग भाषा में इंग्लिश के चुने हुए शब्दों व साधारण गणित में प्रयोग किए जाने वाले चिह्नों का प्रयोग किया जाता है। इन भाषाओं में प्रोग्राम लिखना उनमे गलतियों का पता लगाना और उनको सुधारना लो लेवल भाषा की तुलना में आसान होता है। सभी प्रोग्राम हाई लेवल भाषा मे ही लिखे जाते हैं। हाई लेवल प्रोग्रामिंग भाषाओं को भी उनकी प्रकृति के अनुसार दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है। 1. विधि अभिमुखी भाषाएं (Procedure Oriented Languages) 2. समस्या अभिमुखी भाषाएं (Problem Oriented Languages) प्रमुख हाई लेवल लैंग्वेज: 1. बेसिक 2. फोरट्रॉन 3. लोगो 4. कोबोल 5. पास्कल 6. सी 7. सी++ 8. अल्गोल 9. कोमाल 10. पायलट 11.स्नोबॉल 12. प्रोलॉग 13. फोर्थ जेनरेशन लैग्वेज (4जीएल) |
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