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16-09-2011, 09:47 PM | #1 |
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फुल्ली फालतू शायरी
अर्ज किया है -
इतना कमजोर हो गए तेरी जुदाई से इतना कमजोर हो गए तेरी जुदाई से की एक दिन मच्छर उठा के ले गया चारपाई से .....
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ये दिल तो किसी और ही देश का परिंदा है दोस्तों ...सीने में रहता है , मगर बस में नहीं ...
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16-09-2011, 09:49 PM | #2 |
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Re: फुल्ली फालतू शायरी
तेरे दर पर सनम हज़ार बार आयेंगे
तेरे दर पर सनम हज़ार बार आयेंगे घंटी बजायेंगे और भाग जायेंगे ....
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ये दिल तो किसी और ही देश का परिंदा है दोस्तों ...सीने में रहता है , मगर बस में नहीं ...
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15-10-2012, 01:07 PM | #3 |
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Re: फुल्ली फालतू शायरी
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15-10-2012, 09:14 PM | #4 |
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Re: फुल्ली फालतू शायरी
मोहब्बत का सफर लंबा हुआ तो क्या हुआ...
थोड़ा तुम चलो, थोड़ा हम चले... थोड़ा तुम चलो, थोड़ा हम चले... फिर रिक्शा कर लेंगे.
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ऑफलाइन में हिंदी लिखने के लिए मुझे डाउनलोड करें ! आजकल लोग रिश्तों को भूलते जा रहे हैं....! love is life |
27-10-2012, 06:24 PM | #5 |
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Re: फुल्ली फालतू शायरी
Maine Dil K Darwazay Par Likha,
"Ander Ana Mana Hai.....!!!" Muhabbat Muskurati Hui Ayi,, Dil K Darwazay Par Kadam Rakha, Aur Kehnay Lagi,,,, "Maaf Karna..!!! Main Andhi Hon......!!!"
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अब माई हिंदी फोरम, फेसबुक पर भी है. https://www.facebook.com/hindiforum |
27-10-2012, 11:39 PM | #6 |
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Re: फुल्ली फालतू शायरी
क्या हवा कह रही है,
क्या घटा कह रही है, क्या हवा कह रही है, क्या घटा कह रही है, क्या हवा कह रही है, क्या घटा कह रही है, इनको रुमाल दे दो, इनकी नाक बह रही है
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घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
27-10-2012, 11:41 PM | #7 |
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Re: फुल्ली फालतू शायरी
कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को
न्यूकिलियर पॉवर का जमाना है, बम से उड़ा दो साले को
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घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
27-10-2012, 11:45 PM | #8 |
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Re: फुल्ली फालतू शायरी
जब होता है दीदार दिल धड़कता है बार बार
अर्ज किया है जब होता है दीदार दिल धड़कता है बार बार आदत से मजबूर तुम ना जाने कब मांग लो उधार
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घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
16-09-2011, 09:51 PM | #9 |
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Re: फुल्ली फालतू शायरी
मेरे मरने के बार मेरे दोस्तों
यूँ आंसू न बहाना अगर मेरी याद आये तो सीधे ऊपर चले आना .....
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ये दिल तो किसी और ही देश का परिंदा है दोस्तों ...सीने में रहता है , मगर बस में नहीं ...
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16-09-2011, 09:57 PM | #10 |
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Re: फुल्ली फालतू शायरी
ठिक हैँ बाँस जैसी आप की मर्जी आगे आप चलो पीछे हम आते हैँ
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दोस्ती करना तो ऐसे करना जैसे इबादत करना वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना |
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