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18-06-2019, 08:17 AM | #1 |
Diligent Member
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घनाक्षरी- छाले पड़े पाँव में
घनाक्षरी- छाले पड़े पाँव में
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ रोटी की तलाश हेतु जाम में फँसे हैं आज, कभी दिन कटते थे पीपल की छाँव में। गंदगी शहर की ये झेलते हैं रात दिन, ताज़ी खूब ताज़ी हवा मिलती थी गाँव में। किन्तु सुविधाओं का है बहुत अकाल वहाँ, यहाँ वहाँ भागने से छाले पड़े पाँव में। एक पाँव गाँव एक शहर में रहता है, आधे आधे बट गए हम दोंनो ठाँव में। घनाक्षरी- आकाश महेशपुरी दिनांक- 15/06/2019 ■■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा "आकाश महेशपुरी" ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274304 मोबाइल- 9919080399 Last edited by आकाश महेशपुरी; 18-06-2019 at 08:41 AM. |
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