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06-09-2020, 05:28 AM | #1 |
Diligent Member
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ग़ज़ल- बस मुझको नहीं बुलाया कर
ग़ज़ल- बस मुझको नहीं बुलाया कर
■■■■■■■■■■■■■■■■ बस मुझको नहीं बुलाया कर मेरे घर भी तू आया कर पिज़्ज़ा बर्गर के दीवाने तू रोटी सब्जी खाया कर तू भी ऊपर उठ जायेगा लोगों को जरा उठाया कर है कौन अमर इस दुनिया में मत मरने से घबराया कर वो रहता चार-दिवारी में बागों में उसे घुमाया कर मिलजुल कर हम सब रहते हैं तू यूँ मत आग लगाया कर 'आकाश' नहीं ग़म पैठेगा तू कभी कभी मुस्काया कर ग़ज़ल- आकाश महेशपुरी दिनांक- 05/09/2020 ■■■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा "आकाश महेशपुरी" ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274304 मो. 9919080399 |
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