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02-01-2013, 05:03 PM | #1 |
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शिक्षा और व्यवसाय {Education & career }
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मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! Last edited by bindujain; 02-01-2013 at 05:18 PM. |
02-01-2013, 05:19 PM | #2 |
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Re: शिक्षा और व्यवसाय {Education & career }
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03-01-2013, 05:34 AM | #3 |
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Re: शिक्षा और व्यवसाय {Education & career }
दीया मिर्जा: संसद भंग करने वाले
ये नारा देने वाले, संसद भंग करने वाले सांसदों का संसद में प्रवेश करना बंद होना चाहिए। वे लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा रहे हैं!
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05-01-2013, 09:22 AM | #4 |
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Re: शिक्षा और व्यवसाय {Education & career }
काम में खोज लो सच्ची खुशी
आपने कुछ ऎसे लोगों को देखा होगा, जो रोज के अपने एक ही शेड्यूल से परेशान जाते हैं। उनका मन काम में नहीं लगता और बाद में काम के मारे दिखाई पड़ते हैं। वे यहां तक सोचने लग जाते हैं कि ये कॅरियर न चुना होता, तो अच्छा होता। लेकिन जब आप प्रोफेशनल लाइफ से जुड़ ही गए हैं, तो आपको काम को पूरा तो करना पड़ेगा ही। तो क्यों न कुछ ऎसा करें कि काम भी होता रहे और उस काम का आनन्द भी लें। कॅरियर में संघर्ष हमेशा चलता रहता है, लेकिन उससे पार पाना आपके अपने हाथ में होता है। आप किसी चीज के प्रति जितना नकारात्मक रवैया रखते हैं, वे चीजें आपको उतनी ही बुरी लगने लगती है। इसलिए सफल होना है तो सकारात्मक विचारों के साथ आगे बढिए।
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05-01-2013, 10:58 AM | #5 |
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Re: शिक्षा और व्यवसाय {Education & career }
प्रथम लड़कियों का इंटरनेट बैण्ड
दिल्ली की सागरिका देब अभी तक के पहले इंटरनेट इंटरनेशनल बैण्ड, वाइल्ड ब्लॉसम्स का हिस्सा है। बैण्ड का उद्भव तब हुआ जब सागरिका ने इंटरनेट पर एक बैण्ड आरंभ करने के कैरोलिन सिउ के प्रस्ताव को हां कहने का निर्णय किया। लॉस एंजेल्स से कैरोलिन सेउ (हांगकांग) और सागरिका दोनों ने एक गायन प्रतियोगिता के लिए आॅडिशन दिया था और उनका चयन नहीं हुआ। तब इन लड़कियों के साथ फिलीपींस से लवलिन ओनोजॉ (नाइजीरिया) और न्यूजीलैण्ड से एलिशिया रश शामिल हो गईं। इस ग्र्रुप में अब पूरे विश्वभर से 11 सदस्यों है और ये इंटरनेट पर धुनें और संगीत सांझा करते हैं। सागरिका गायकों में से एक है और नए सदस्यों को भर्ती करने का काम भी करती है। बैण्ड अपना संगीत, तस्वीरें और वीडियो मकाऊ से गेविन लैम द्वारा डिजाइन किए एक सामान्य डाटाबेस फाइल सिस्टम पर सांझा करता है। ग्र्रुप ने पहला गाना, क्रिसमस कैरोल साइलेंट नाइट का अपना संस्करण दिसंबर 25, 2010 को जारी किया। (साभार-लिम्का बुक आफ रिकॉड्स)
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05-01-2013, 10:59 AM | #6 |
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Re: शिक्षा और व्यवसाय {Education & career }
चुटकी में हल किया न्यूटन की अबूझ पहेली
जर्मनी में भारतीय मूल के एक छात्र ने दुनिया की गणित में 350 से अधिक वर्षो से अबूझ बनी पहेली को हल किया है। 16 वर्षीय शौर्य रे प्रख्यात गणितज्ञ और भौतिकविद् सर आइजक न्यूटन के बने सर्वाधिक जटिल गणितीय सवाल को सुलझा लिया है। इस सवाल को सुलझाने के लिए भौतिकशास्त्री अभी तक कंप्यूटर का प्रयोग करते थे। समाचार पत्र डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय किशोर के इस समाधान का अर्थ है कि वैज्ञानिक अब यह पता लगा सकते हैं कि किसी गेंद को फेंके जाने पर वह किस रास्ते से गुजरेगी और वह किस प्रकार दीवार से टकराएगी और किस तरह लौटेगी। शौर्य के मुताबिक, ड्रेसडेन यूनिवर्सिटी के कुछ प्रोफेसरों ने कहा था कि न्यूटन के इस सवाल को कोई हल नहीं कर सकता। इसके बाद मैंने खुद से पूछा, मैं इसे क्यों नहीं हल कर सकता। मुझे विश्वास नहीं था कि इसका कोई हल भी होगा। शौर्य के पिता पेशे से इंजीनियर हैं जो चार साल पहले कोलकाता से जर्मनी चले गए थे। शौर्य ने छह साल की उम्र में ही गणित के कठिन सवालों को हल करना शुरू कर दिया था। किशोरावस्था में उसके पिता उसे अंकगणित के सवाल हल करने के लिए दिया करते थे। बाद में वह जर्मनी गया और वहां उसने जर्मन भाषा सीखी।
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11-01-2013, 09:25 AM | #7 |
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Re: शिक्षा और व्यवसाय {Education & career }
nice topic .................................
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11-01-2013, 10:10 AM | #8 |
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Re: शिक्षा और व्यवसाय {Education & career }
कैट 2012 नतीजे : 10 छात्रों को मिले परफेक्ट 100
भारतीय प्रबंध संस्थान और प्रमुख बिजनेस स्कूलों में दाखिले के लिए आयोजित कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट) -2012 के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। दस छात्रों ने 100 परसेंटाइल हासिल किए हैं। दो हजार परीक्षार्थियों ने 99 परसेंटाइल से ज्यादा अंक प्राप्त किए। 11 अक्टूबर से 6 नवंबर 2012 के बीच 21 दिन चली इस परीक्षा में देशभर में कुल 1,91,642 परीक्षार्थियों ने भाग लिया था। आईआईएम-कोझीकोड ने कैट का संयोजन किया था। कैट के परिणाम के आधार पर 13 आईआईएम की 2,946 सीटों के लिए विद्यार्थी चुने जाएंगे। कैट के स्कोर के आधार पर ही फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (एफएमएस), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रीयल इंजीनियरिंग और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) में भी एडमिशन होता है। देश के डेढ़ सौ से ज्यादा बी-स्कूल भी कैट के स्कोर को महत्व देते हैं। इंजीनियरिंग स्ट्रीम के छात्रों ने किया कमाल 100 परसेंटाइल हासिल करने वाले 10 में से नौ विद्यार्थी इंजीनियरिंग स्ट्रीम से हैं। इनमें से नौ आर्इआर्इटी के छात्र हैं। पांच तो अब भी स्नातक में अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहे हैं। 99.99 परसेंटाइल हासिल करने वाली चार लड़कियां भी इंजीनियरिंग स्ट्रीम से हैं। 99 परसेंटाइल से ज्यादा में मुंबई टॉपर 99 परसेंटाइल या इससे ज्यादा अंक पाने वाले 180 परीक्षार्थियों के साथ मुंबई पहले स्थान पर रहा। दिल्ली 168 परीक्षार्थियों के साथ दूसरे, हैदराबाद 105 परीक्षार्थियों के साथ तीसरे, कोलकाता 92 परीक्षार्थियों के साथ चौथे और चेन्नई 85 परीक्षार्थियों के साथ पांचवे स्थान पर रहा। 99 परसेंटाइल से ज्यादा हासिल करने वाले परीक्षार्थियों में 255 छात्राएं और 1,640 छात्र शामिल हैं।
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14-01-2013, 02:38 PM | #9 |
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Re: शिक्षा और व्यवसाय {Education & career }
तकदीर पर भरोसा रखें
वह एक लैब असिस्टैंट थे। लेकिन उनका मन थिएटर में रमा था। उन्हें प्रतिमाह १२५ रुपए तनख्वाह मिलती थी, जबकि थिएटर में उन्हें कुछ नहीं मिलता था। वह कॉलेज के नाटकों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। एक दिन पंजाब कला मंच पर उनके कॉलेज के नाटक का मंचन हुआ, जिसे देखने वालों में पंजाब थिएटर की जानी-मानी हस्ती हरपाल तिवाना भी थे। तिवाना ने उन्हें अपने साथ काम करने का प्रस्ताव दिया, जिस पर उन्होंने कहा यदि उन्हें १२५ रुपए से ज्यादा दिए जाएं, तो ही वह उनके साथ काम करेंगे। तिवाना डेढ़ सौ रुपए देने पर राजी हो गए। उन दिनों वह थिएटर में सेलरी पाने वाले इकलौते शख्स थे। यह शख्स और कोई नहीं ओम पुरी थे। थिएटर से सिनेमा तक एक लंबा सफर तय करने के बाद ओम पुरी इन दिनों वापस थिएटर में लौट आए हैं। 'भाग मिल्खा भाग' के निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने अपने कॅरियर की शुरुआत 'यूरेका फोब्र्स' के साथ बतौर सेल्समैन की थी। एक साक्षात्कार में इस फिल्मकार ने बताया कि उन्होंने एक फिल्म सेट पर टी-ब्वॉय के रूप में भी काम किया है। आज की दिग्गज महिला नेता और अतीत में भारतीय टेलीविजन की सबसे लोकप्रिय बहू हमेशा इतनी लोकप्रिय नहीं थी। १८ साल की उम्र में स्मृति अभिनेत्री बनने का ख्वाब लेकर मुंबई आईं। उनका यहां कोई गॉडफादर नहीं था। उन्होंने यहां कुछ दिन मैक्डोनल्ड फास्ट फूड शृंखला के रेस्तरां में बर्गर इत्यादि सर्व करने और फर्श बुहारने का काम भी किया। आखिरकार किस्मत ने उनके दरवाजे पर दस्तक दी और आज वह इस मुकाम पर हैं। उनकी असली प्रतिभा एक अप्रत्याशित माहौल में सामने आई, जब वह एक बस कंडक्टर के रूप में काम कर रहे थे। निष्णात अभिनेता बलराज साहनी ने ऐसी ही एक बस में सफर करते हुए वर्ष १९५० में उन्हें मुसाफिरों का मनोरंजन करते हुए देखा। जिसके बाद उन्होंने उन्हें मुंबई आने की सलाह दी। उन्होंने पहले स्क्रीन टेस्ट में एक पियक्कड़ शराबी का जबरदस्त अभिनय किया, जिसके बाद उनका नाम 'जॉनी वाकर' पड़ गया। कुछ ही लोग जानते होंगे कि वह कट्टर मुसलमान थे और मद्यपान से कोसों दूर थे। वह अपने समुदाय में एक नियमित कुली थे। बाद में वह बैंगलोर परिवहन सेवा के साथ बतौर बस कंडक्टर जुड़ गए। उनके दोस्त राज बहादुर ने फिल्मों की पढ़ाई करने की उनकी योजनाओं में पूरा साथ दिया, जिसके बाद रजनीकांत नामक इस लेजेंड ने सुपरस्टारडम की ओर पहला कदम बढ़ाया। 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' जैसी फिल्म में अपने अभिनय के जरिए सुर्खियां बटोरने वाले इस अभिनेता का ताल्लुक उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के एक छोटे-से कस्बे से है। वह पहले बड़ौदा की एक फैक्ट्री में चीफ कैमिस्ट थे। थिएटर में उनकी गहरी दिलचस्पी थी, जिसकी खातिर उन्होंने चौकीदार की नौकरी भी की। कोई आश्चर्य नहीं कि यह अभिनेता आज भी खुद को 'कॉमन मैन' मानता है। इस अभिनेता का नाम है नवाजुद्दीन सिद्दीकी। उन्होंने अपने कॅरियर की शुरुआत ताज महल पैलेस एंड टॉवर होटल में वेटर और रूम सर्विस स्टाफर के रूप में की थी। बाद में उन्होंने अपनी पुश्तैनी बेकरी शॉप का जिम्मा संभाला। हालांकि अंकल चिप्स के साथ फ्रेंचाइजी करार करने के बावजूद उनकी यह बेकरी नहीं चली। आज हम उन्हें बोमन ईरानी के रूप में जानते हैं, जो 'मुन्नाभाई शृंखला' में अपने दमदार अभिनय के बाद घर-घर में लोकप्रिय हो गए। वह बैंकॉक में मेट्रो गेस्ट हाउस में शेफ थे। उनकी पहली सेलरी 1000 बहत (1500 रुपए) थी और वह रात में किचन के फर्श पर ही सोते थे। उन्होंने कोलकाता में एक ट्रैवल एजेंसी के लिए प्यून के रूप में भी काम किया। यह कोई संयोग नहीं था कि 'मास्टरशेफ इंडिया' के निर्माताओं ने इस एक्शन हीरो अक्षय कुमार को अपने शो के होस्ट के रूप में चुना।
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