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05-07-2013, 09:59 PM | #1 |
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आपकी प्राइवेसी पर होगा सबसे बड़ा हमला
आने वाले दिनों में आपकी कोई भी बात छुपी नहीं रहने वाली। फोन आप लैंडलाइन से करेंगे, या फिर मोबाइल से, वो सुना जाएगा और जरूरत समझी गई तो रिकॉर्ड भी कि*या जाएगा। इंटरनेट पर भी आपकी कोई बात छुपी नहीं रह सकेगी। यह हकीकत है और इसी वर्ष दिसंबर में सरकार ऐसा करने जा रही है।
इस सिस्टम को सीएमएस (कम्युनिकेशन मॉनीटरिंग सिस्टम) का नाम दिया गया है जो वॉयस कॉल, फैक्स मैसेज, एसएमएस, एमएमएस सहित फोन नेटवर्क से संबंधित हर चीज पर नजर रखेगा। इस सिस्टम से इंटरनेट पर आपके द्वारा की जा रही हर गतिविधि रिकॉर्ड होगी। सीएमएस इतना सेंसटिव है कि आपके कंप्यूटर पर इंटरनेट ब्राउजिंग से बनने वाला कैच भी रिकॉर्ड कर सकेगा। सीएमएस की शुरुआत दो साल पहले ही हो गई थी। 29 अप्रैल 2011 को गृह मंत्रालय ने इसके बारे में सभी प्रदेशों की राजधानी में टेंडर निकाला था। टेंडर में साफ कहा गया था कि सरकार को ऐसा सिस्टम चाहिए, जिससे कि वॉयस कॉल, फैक्स मैसेज, एसएमएस, एमएमएस सहित फोन नेटवर्क से संबंधित हर चीज पर निगाह रखी जा सके। इसके अलावा यह सिस्टम इंटरनेट की भी पूरी निगरानी कर सके। टेंडर में कहा गया कि सिस्टम हर चीज रिकॉर्ड करके सेव कर सके और उसे दोबारा सुना या देखा भी जा सके। सीएमएस बन चुका है और इसी महीने की दस तारीख को इसकी टेस्टिंग भी होनी है। अगर यह सही से काम करता पाया गया तो इसे दिसंबर तक शुरू कर दि*या जाएगा। |
05-07-2013, 09:59 PM | #2 |
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Re: आपकी प्राइवेसी पर होगा सबसे बड़ा हमला
400 करोड़ रुपये से बनाया सिस्टम
सरकार के सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) ने इस बारे में एक एग्रीमेंट भी साइन किया है। सेंटर फॉर आर्टीफीशि*यल इंटेलि*जेंस एंड रोबोटिक्स के साथ साइन हुए इस एग्रीमेंट के तहत दोनों सेंटर इंटरनेट सर्विस पर नजर रखेंगे। यह एग्रीमेंट इंटरनेट पर होने वाली हर गतिविधि को ट्रैक करने की इजाजत देता है। मंत्रालय और अन्य सूत्रों से छनकर आती खबरों के मुताबिक इस सिस्टम को बनाने में 400 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। सी-डॉट इस सिस्टम को इंस्टाल कर चुका है। 31 मार्च तक देश में 34 'टर्म सेल्*स' थे। फिलहाल कितने हैं, इसकी कोई जानकारी नहीं है। |
05-07-2013, 09:59 PM | #3 |
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Re: आपकी प्राइवेसी पर होगा सबसे बड़ा हमला
ऐसे काम करेगा सीएमएस
जानने वाली बात यह है कि सीएमएस काम कैसे करेगा। एक सरकारी अधि*कारी के मुताबि*क सीबीआई सीएमएस का पहले से ही प्रयोग कर रही है। उसे यह सि*स्*टम दि*ल्*ली में दि*या गया है। इसके लि*ए सीबीआई अपने टारगेट का डाटा सीएमएस को देती है और टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइड को भी देती है। इस पर सर्विस प्रोवाइडर उक्*त डाटा से संबंधि*त डाटा सर्वर को भेजता है जो सीबीआई द्वारा मांगे गए डाटा की तरफ अग्रसारि*त हो जाता है।
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05-07-2013, 10:00 PM | #4 |
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Re: आपकी प्राइवेसी पर होगा सबसे बड़ा हमला
आप पहले से ही हो रहे हैं ट्रैक
सीएमएस तो जब आपको ट्रैक करेगा, तब देखा जाएगा, लेकि*न इंटरनेट पर आप पहले से ही ट्रैक हो रहे हैं। एक यूनि*वर्सिटी में पढ़ने वाली रवीना कोठारी बताती हैं कि पि*छले वर्ष उन्*होंने अपना नाम गूगल पर डालकर सर्च कि*या। यह देखकर वह हैरान रह गईं कि गूगल पर उनके बचपन से लेकर अब तक की सारी जानकारी मौजूद है। न सिर्फ उनके बारे में जानकारि*यां मौजूद हैं, बल्*कि उनकी काफी सारी तस्*वीरें भी इस सर्च इंजन पर मौजूद हैं। इसके बाद से उन्*होंने पर्सनल चीजें इंटरनेट पर डालनी ही बंद कर दीं। बताते चलें कि अगर आप इंटरनेट पर अपना कुछ भी पर्सनल डाटा डालते हैं तो गूगल उसे सर्च कर लेता है। गूगल आपकी गति*वि*धि पर और भी आसानी से तब नि*गाह रख सकता है जब आप उसका ब्राउंजर क्रोम का प्रयोग करते हैं। गूगल के पास यहां तक की जानकारी होती है कि आप कि*स तरह की तस्*वीर सर्च कर रहे हैं। |
05-07-2013, 10:00 PM | #5 |
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Re: आपकी प्राइवेसी पर होगा सबसे बड़ा हमला
प्राइवेसी पर बने सख्*त कानून
देश की कई सारी कंपनि*यां इस बात की वकालत करती हैं कि लोगों की प्राइवेसी को लेकर सख्*त कानून बनना चाहि*ए। इंटरनेट और मोबाइल एसोसि*एशन ऑफ इंडि*या के अध्*यक्ष सुभो रे कहते हैं कि सरकार को बगैर कि*सी की अनुमति के उसके बारे में प्राइवेट सूचनाएं नहीं लेनी चाहि*ए। सबसे बड़ी मुसीबत यह है कि हमारे देश में हमारी व्*यक्*ति*गत चीजें व्*यक्*ति*गत ही रहें, इसके बारे में कोई कानून नहीं है। साइबर कानूनों के वि*शेषज्ञों का कहना है कि सरकार जि*स सीएमएस का प्रयोग करने जा रही है, इसकी कोई गारंटी नहीं है कि उसका गलत प्रयोग नहीं होगा। खुद सरकार भी अभी तक उसके बेजा प्रयोग के बारे में ज्*यादा नहीं जानती। |
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