|
04-08-2013, 10:03 PM | #1 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
मुस्कान
मुस्कान
(आँसू की बूँद है कभी, जीवन कभी मुस्कान है) \-२ आँसू की बूँद (बरसात की, उलझन में जा आशाओं के, दीपक जला) \-२ जीना बहुत मुश्किल सही, मरना कहाँ आसान है आँसू की बूँद (जो बात है दिल में दबी खोई न आँखों में कहीं) \-२ थम जाएगा दिल में तेरा, जो दर्द का तूफ़ान है आँसू की बूँद (बाज़ी उस की मौत हो भूले जो अपने आप को) \-२ उस ने गगन को छू लिया, अपने जिसे पहचान है आँसू की बूँद है कभी, जीवन कभी मुस्कान है आँसू की बूँद
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
04-08-2013, 10:05 PM | #2 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: मुस्कान
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
04-08-2013, 10:07 PM | #3 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: मुस्कान
अधर पर मुस्कान / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
अधर पर मुस्कान दिल में डर लिये लोग ऐसे ही मिले पत्थर लिये। आँधियाँ बरसात या कि बर्फ़ हो सो गये फुटपाथ पर ही घर लिये। धमकियों से क्यों डराते हो हमें घूमते हम सर हथेली पर लिये। मिल सका कुछ को नहीं दो बूँद जल और कुछ प्यासे रहे सागर लिये । हार पहनाकर जिन्हें हम खुश हुए वे खड़े हैं सामने पत्थर लिये ।
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
04-08-2013, 10:08 PM | #4 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: मुस्कान
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
04-08-2013, 10:12 PM | #5 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: मुस्कान
हंसी
ठहाके महान पर कुर्बान उस मुस्कान पर जो टिकी है आंसुओं के बांध पर
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
04-08-2013, 10:13 PM | #6 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: मुस्कान
मिले हर जख्म को मुस्कान से सीना नहीं आया
मिले हर जख्म को मुस्कान से सीना नहीं आया अमरता चाहते थे पर जहर पीना नहीं आया तुम्हारी और मेरी दास्तां में फर्क इतना है मुझे मरना नहीं आया तुम्हें जीना नहीं आया वहुत विखरा बहुत टूटा थपेड़े सह नहीं पाया हवाओं के इशारों पर मगर में बह नहीं पाया अधूरा अनसुना ही रह गया पर प्यार का किस्सा कभी तुम सुन नहीं पाई कभी में कह नहीं पाया तुम्हारा ख्वाव जैसे गम को अपनाने से डरता है हमारी आंख का आंसू खुशी पाने से डरता है अजब है लत्फ ए गम भी जो मेरा दिल अभी कल तक तेरे जाने से डरता था कि अब आने से डरता है - डा0 कुमार विश्*वास (Dr. Kumar Viswas)
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
11-08-2013, 03:47 PM | #7 |
VIP Member
|
Re: मुस्कान
Nice topic
__________________
Disclamer :- All the My Post are Free Available On INTERNET Posted By Somebody Else, I'm Not VIOLATING Any COPYRIGHTED LAW. If Anything Is Against LAW, Please Notify So That It Can Be Removed. |
11-08-2013, 07:23 PM | #8 |
Exclusive Member
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99 |
Re: मुस्कान
चित्रावली देखकर अनायास चेहरे पर मुस्कुराहट खिंच जाती है. अत्यंत सुन्दर सूत्र। आभार बन्धु।
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
11-08-2013, 07:29 PM | #9 |
Exclusive Member
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99 |
Re: मुस्कान
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
11-08-2013, 07:29 PM | #10 |
Exclusive Member
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99 |
Re: मुस्कान
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
Bookmarks |
|
|