11-07-2014, 05:00 PM | #531 |
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Re: घर का वैध:घरेलू चिकत्सा
लगभग 40 से 80 मिलीलीटर भुईआंवले के कोमल तने के फांट (घोल) का सेवन करने से आमातिसार के रोगी का रोग ठीक होता है। रजोनिवृत्ति (मासिक धर्म समाप्ति) से शारीरिक व मानसिक कष्ट : शारीरिक जलन, ब्रहमतालु में गर्मी आदि के लिए आंवले का रस 10 से 20 ग्राम की मात्रा में मिश्री के साथ या सूखे आंवले का चूर्ण समान मात्रा में मिश्री के साथ सुबह-शाम सेवन करने से लाभ मिलता है। |
11-07-2014, 05:00 PM | #532 |
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Re: घर का वैध:घरेलू चिकत्सा
मासिक-धर्म संबन्धी परेशानियां:
एक चम्मच आंवले का रस पके हुए केले के साथ कुछ दिनों तक लगातार सेवन करें। इसके सेवन से मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव नहीं होता है। |
11-07-2014, 05:00 PM | #533 |
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Re: घर का वैध:घरेलू चिकत्सा
चोट लगना :
कटने से रक्त-स्राव होने पर कटे हुए स्थान पर आंवले का ताजा रस लगाने से खून का बहना बंद हो जाता है। |
11-07-2014, 05:00 PM | #534 |
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Re: घर का वैध:घरेलू चिकत्सा
आंव रक्त (पेचिश) :
कच्चा और भुना आंवला बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें। 10 ग्राम चूर्ण दही में मिलाकर खाने से पेचिश के रोगी को लाभ मिलता है। 10 मिलीलीटरआंवले का रस, 5 ग्राम घी और शहद मिलाकर सेवन करें और ऊपर से बकरी का दूध पीयें। इससे पेचिश के रोगी का रोग दूर हो जाता है। |
11-07-2014, 05:00 PM | #535 |
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Re: घर का वैध:घरेलू चिकत्सा
अग्निमान्द्यता (अपच) :
ताजे हरे आंवलों का रस और अनार का रस 4-4 चम्मच की मात्रा में शहद के साथ रोजाना सुबह और खाना खाने बाद लेने से लाभ होता है। |
11-07-2014, 05:01 PM | #536 |
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Re: घर का वैध:घरेलू चिकत्सा
अल्सर :
एक चम्मच आंवले का चूर्ण, आधा चम्मच पिसी हुई सोंठ, आधा चम्मच पिसा हुआ जीरा, एक चम्मच पिसी हुई मिश्री, सबको मिलाकर एक खुराक सुबह और एक खुराक शाम को लें। एक चम्मच आंवले का रस और 1 चम्मच शहद दोनों को मिलाकर पीना चाहिए। |
11-07-2014, 05:01 PM | #537 |
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Re: घर का वैध:घरेलू चिकत्सा
अम्लपित्त (एसिडिटीज) :
2 चाय के चम्मच आंवले के रस में इतनी ही मिश्री मिलाकर पीएं या बारीक सूखा पिसा हुआ आंवला और मिश्री बराबर मात्रा में मिलाकर पानी से फंकी लेने से लाभ मिलता है। आंवले के फल के बीच के भाग को पीसकर चूर्ण बना लें, फिर चूर्ण 3 से 6 ग्राम को 100 मिलीलीटर से 250 मिली लीटर दूध के साथ दिन में सुबह और शाम लेने से अम्लता से छुटकारा मिल सकता है। आंवले का रस एक चम्मच, चौथाई चम्मच भुना हुआ जीरा का चूर्ण, मिश्री और आधा चम्मच धनिए का चूर्ण मिलाकर लेने से अम्लपित्त में कुछ ही दिनों में लाभ मिलता है। आंवला, सफेद चंदन का चूर्ण, चूक, नागरमोथा, कमल के फूल, मुलेठी, छुहारा, मुनक्का तथा खस को बराबर मात्रा में कूटकर चूर्ण बना लें। फिर सुबह और शाम के दौरान 2-2 चुटकी शहद के साथ सेवन करें। आंवला, हरड़, बहेडा़, ब्राह्मी और मुण्डी को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर चूर्ण बना लें। फिर इसमें मिश्री मिलाकर 6-6 ग्राम चूर्ण की मात्रा को बकरी के दूध के साथ पीने से लाभ होता है। आंवले के चूर्ण को दही या छाछ के साथ सेवन करें। आंवला का रस शहद मिलाकर पीने से अम्लपित्त शांत करता है। आंवलों को अच्छी तरह पीसकर चूर्ण बना लें, फिर इसके 2 ग्राम चूर्ण को नारियल के पानी के साथ, दिन में 2 बार सुबह और शाम पीने से अम्लपित्त से छुटकारा मिलता है। |
11-07-2014, 05:01 PM | #538 |
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Re: घर का वैध:घरेलू चिकत्सा
यकृत का बढ़ना :
3 ग्राम से 10 ग्राम की मात्रा में आंवले का चूर्ण, शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करने से यकृत की क्रिया ठीक हो जाती है। |
11-07-2014, 05:01 PM | #539 |
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Re: घर का वैध:घरेलू चिकत्सा
पथरी :
आंवला, गोखरू, किरमाला, डाम की जड़, कास की जड़ तथा हरड़ की छाल 25-25 ग्राम की मात्रा में लेकर कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। उस चूर्ण को 2 किलो पानी में डालकर गाढ़ा काढ़ा बना लें। 25 मिलीलीटर काढ़ा शहद के साथ प्रतिदिन सुबह-शाम खायें। इससे सभी प्रकार की पथरी ठीक होती है। सूखे आंवले का चूर्ण बनाकर मूली के रस के साथ मिलाकर खाने से मूत्राशय की पथरी ठीक होती है। |
11-07-2014, 05:01 PM | #540 |
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Re: घर का वैध:घरेलू चिकत्सा
कफ (बलगम) :
आंवला सूखा और मुलहठी को अलग-अलग बारीक करके चूर्ण बना लें और मिलाकर रख लें। इसमें से 1 चम्मच चूर्ण दिन में 2 बार खाली पेट सुबह-शाम 7 दिनों तक ले सकते हैं। इससे छाती में जमा हुआ सारा कफ (बलगम) बाहर आ जायेगा। |
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