06-08-2014, 01:22 PM | #1 |
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आहीस्ता चल जिंदगी !!
आहीस्ता चल जिंदगी, अभी कईं कर्ज चुकाना बाकी है। कुछ दर्द मिटाना बाकी है, कुछ फर्ज निभाना बाकी है। रफ्तार मे तेरे चलने से कुछ रूठ गये, कुछ छूट गये। रूठों को मनाना , छुटे हुये को जुटाना अभी बाकी है। कुछ हसरतें , कुछ जरूरी काम अभी बाकी है। ख्वाईशें जो दबी रही इस दिल में उनको दफनाना अभी बाकी है। कुछ रिश्ते बन कर टूट गये, कुछ जुडते जुडते छुट गये, उन टुटे और छुटे रिश्तों के जख्म मिटाना अभी बाकी है। तू आगे चल मै आता हूं, क्या छोड कर तुझे जी पाउंगा? इन सांसो पर जिनका हक है उनको समझाना अभी बाकी है। आहीस्ता चल जिंदगी, अभी कईं कर्ज चुकाना बाकी है। |
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life, poem, shayari, zindagi |
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