13-10-2011, 03:37 PM | #11 |
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Re: धूप सब पी के सँवर जाओ
एक बार फिर से जबरदश्त रचना के लिए हार्दिक आभार डाक्टर साहब
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दोस्ती करना तो ऐसे करना जैसे इबादत करना वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना |
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