18-10-2011, 03:22 PM | #1 |
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हास्य कविताएँ
एक जगह बहुत भीड़ लगी थी
एक आदमी चिल्ला रहा था कुछ बेचा जा रहा था आवाज कुछ इस तरह आई शरीर में स्फुर्ति न होने से परेशान हो भाई थकान से टूटता है बदन काम करने में नहीं लगता है मन खुद से ही झुंझलाए हो या किसी से लड़कर आए हो तो हमारे पास है ये दवा सभी परेशानियां कर देती है हवा मैंने भीड़ को हटाया सही जगह पर आया मैंने कहा इतनी कीमती चीज कहीं मंहगी तो नहीं है वो बोला आपने भी ये क्या बात कही है इतने सारे गुण सिर्फ दो रुपए में लीजिए भाई साब दिलदार बीड़ी पीजिए
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बेहतर सोच ही सफलता की बुनियाद होती है। सही सोच ही इंसान के काम व व्यवहार को भी नियत करती है। |
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