31-10-2011, 08:11 PM | #7 |
Special Member
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Re: सफलता का एक वर्ष (28/10/2010)
हार मानना तो हमने सिखा ही नहीं
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घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
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