05-03-2012, 06:53 PM | #1 |
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खेल डेस्क
टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी के लिए बेहतरीन तकनीक की जरूरत होती है। तकनीक के साथ बल्लेबाज का सतर्क होना भी आवश्यक होता है। लेकिन इस खेल के इतिहास में कुछ ऐसे दिग्गज भी हुए हैं जिन्होंने मदहोशी की हालत में भी बेहतरीन पारियां खेली हैं। वेस्ट इंडीज के पूर्व दिग्गज सर गैरी सोबर्स इन्हीं में से एक हैं।
गैरी सोबर्स ने अपने टेस्ट करियर में 26 शतक लगाए। सोबर्स की बल्लेबाजी कितनी शानदार थी यह सभी क्रिकेट प्रशंसक अच्छे से जानते हैं, लेकिन यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि उन्होंने अपना अंतिम शतक नशे की हालत में लगाया था। सोबर्स को पार्टियों का बड़ा शौक था। वो टेस्ट मैचों के दौरान भी शराब पीने से नहीं चूकते थे। 23 अगस्त, 1973 को इंग्लैंड के खिलाफ हुए लॉर्ड्स टेस्ट के पहले दिन सोबर्स 31 रन बनाकर नाबाद रहे थे। दिन का खेल खत्म होने के बाद सोबर्स और क्लाइव लॉयड एक नाइटक्लब चले गए। वहां उन्होंने जमकर शराब पी। शराब का दौर कुछ ऐसा चला कि सोबर्स सुबह 9 बजे तक पीते रहे। जब उन्हें याद आया कि उन्हें बल्लेबाजी के लिए भी जाना है, तब वो ठंडे पानी में शॉवर लेने के बाद मैदान पर चले गए। गैरी सोबर्स उस पारी को याद करते बताते हैं, "जब मैं बल्लेबाजी क्रीज पर पहुंचा तो मुझे गेंदबाज बॉब विलिस के सिर्फ हाथ और पैर दिख रहे थे। मैं पहली पांच गेंदे खेल नहीं सका। मुझे ऐसी हालत में देखकर हमारे कप्तान रोहन कन्हाई और इंग्लैंड के सभी खिलाड़ी ठहाके लगा रहे थे। जैसे-तैसे मैंने छठी गेंद को बल्ले से मारा।" जब तक सोबर्स को थोड़ा होश आया कि वो बल्लेबाजी क्रीज पर हैं, तब तक उन्हें दूसरी समस्या शुरू हो गई। उनके पेट में तेज दर्द होने लगा। लेकिन इसके बावजूद वो बल्लेबाजी करते रहे। शतक के करीब पहुंचने पर सोबर्स का दर्द असहनीय हो गया। उन्हें लगा कि उन्हें रिटायर्ड हर्ट हो जाना चाहिए, लेकिन उन्होंने आगे खेलने का फैसला किया और बेहतरीन सैकड़ा लगाया। उस पारी में सोबर्स 150 रन बनाकर नाबाद रहे थे। वेस्ट इंडीज वो मैच पारी और 226 रन से जीता था।
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