14-05-2012, 07:32 PM | #17 |
Senior Member
Join Date: Nov 2010
Location: KANPUR
Posts: 555
Rep Power: 24 |
Re: योगा
अपान मुद्रा अंगूठे से दूसरी अंगुली (मध्यमा) तथा तीसरी अंगुली (अनामिका) के पोरों को मोड़कर अंगूठे के पोर से स्पर्श करने से जो मुद्रा बनती है,उसे अपान मुद्रा कहते हैं..लाभ - यदि मल मूत्र निष्कासन में समस्या आ रही हो,पसीना नहीं आ रहा हो, तो इस मुद्रा के चालीस मिनट के प्रयोग से इस अवधि के मध्य ही शरीर से प्रदूषित विजातीय द्रव्य निष्काषित हो जाते हैं.देखा गया है कि जब औषधि तक का प्रयोग निष्फल रहता है, इस मुद्रा का प्रयोग त्वरित लाभ देता है..
__________________
रोते-रोते हँसना सीखो ....! खुद हँसों औरों को भी हँसाओ, गम को जिन्दगी से दूर भगाओ,क्यों की हँसना ही जिन्दगी है |Read Forum Rules./Do not Spam./Respect Other members.
|
Bookmarks |
Tags |
~vikram~, health, health tips, indian exercise, yoga |
|
|