28-09-2012, 12:38 PM | #1 |
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मेरे एकाकी जीवन में
मेरे एकाकी जीवन में
तुम मधुरता का आलिंगन स्वप्न सजोती आँखों से तुम निदिया का बंधन ... कण कण आलोकित करती दिनकर की रश्मि तुम अन्धकार में आलंबन हो निर्बलता में शक्ति तुम... जीवन की निर्जनता में तुम हृदय का स्पंदन मेरे एकाकी जीवन में तुम मधुरता का आलिंगन... http://prakhar-anil.blogspot.in Last edited by anilkriti; 01-10-2012 at 12:26 PM. |
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