24-11-2012, 09:52 AM | #11 |
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Re: टुनटुन की कहानी (Tuntun's Story)
पहला गीत जो मेरी आवाज़ में रेकॉर्ड हुआ था वो था साल 1947 में बनी फिल्म ‘दर्द’ का ‘अफसाना लिख रही हूं दिले बेक़रार का’. ये गीत इतना बड़ा हिट साबित हुआ कि मुझे आज तक इसी गीत से पहचाना जाता है. इस फिल्म में मेरे गाए बाक़ी तीनों गीत ‘आज मची है धूम’, ये कौन चला’ और सुरैया के साथ ‘बेताब है दिल’ भी काफी पसन्द किए गए.
उसी साल बनी फिल्म ‘नाटक’ में मैंने गीत ‘दिलवाले, जल कर ही मर जाना’ गाया. साल 1948 में बनी फिल्म ‘अनोखी अदा’ में मेरे दो सोलो गीत ‘काहे जिया डोले हो कहा नहीं जाए’ और ‘दिल को लगा के हमने कुछ भी न पाया’ थे. 1948 में प्रदर्शित हुई ‘चांदनी रात’ में मुझे उस फिल्म का शीर्षक गीत ‘चांदनी रात है, हाए क्या बात है’ गाने का मौक़ा मिला था. उसी साल बनी फिल्म ‘दुलारी’ में मैंने शमशाद बेगम के साथ मिलकर गाया था, ‘मेरी प्यारी पतंग चली बादल के संग’. |
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