06-01-2013, 07:53 PM | #1 |
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मेरी पसंद : गीत गजल कविता
वो फ़िराक और वो विसाल कहाँ ,
वो शब् -ओ -रोज़ -ओ -माह -ओ -साल कहाँ . थी वो एक शक्स के तसव्वुर सी , अब वो रानाई -इ -ख़याल कहाँ . इतना आसान नहीं लहू रोना , दिल में ताक़त , जिगर में हाल कहाँ . फ़िक्र -इ -दुनिया में सर खपत हूँ , मैं कहाँ और ये बवाल कहाँ . वो शब् -ओ -रोज़ -ओ -माह -ओ -साल कहाँ .
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मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! Last edited by bindujain; 06-01-2013 at 08:00 PM. |
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