03-02-2013, 07:47 PM | #11 |
Exclusive Member
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99 |
Re: ग़ज़लें, नज्में और गीत
एक किरदारे-बेकसी है मां
ज़िन्दगी भर मगर हंसी है मां दिल है ख़ुश्बू है रौशनी है मां अपने बच्चों की ज़िन्दगी है मां ख़ाक जन्नत है इसके क़दमों की सोच फिर कितनी क़ीमती है मां इसकी क़ीमत वही बताएगा दोस्तो ! जिसकी मर गई है मां रात आए तो ऐसा लगता है चांद से जैसे झांकती है मां सारे बच्चों से मां नहीं पलती सारे बच्चों को पालती है मां कौन अहसां तेरा उतारेगा एक दिन तेरा एक सदी है मां आओ ‘क़ासिम‘ मेरा क़लम चूमो इन दिनों मेरी शायरी है मां - Dr. Ayaz Ahmed 'kasim'
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
Bookmarks |
|
|