17-04-2013, 08:18 PM | #1 |
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कार्यस्थल के वास्तु सूत्र
वास्तु शास्त्र के शास्त्रसम्मत सूत्रों के अनुरूप केवल घर को निर्मित करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि आजीविका के लिए आधारभूत कार्यालय, या दुकान इत्यादि भी शुभ लक्षणों से युक्त होने चाहिए और उसके अन्दर उपकरणों को यथास्थान कैसे सजाना है, या किस दिशा की ओर मुँह करके आसीन होना है, इत्यादि बातों की जानकारी भी आवश्यक है
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तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
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