10-12-2010, 10:01 AM | #33 |
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Re: तेनाली राम की कहानियॉ
सन्तुष्ट व्यक्ति के लिए उपहार
एक दिन तेनाली राम बडी प्रसन्न मुद्रा में दरबार में आया। उसने बहुत अच्छे कपडे और गहने पहन रखे थे। उसे देख् कर राजा कॄष्णदेव राय बोले, “तेनाली, आज तुम बहुत प्रसन्न दीखाई दे रहे हो। क्या बात है?” “महाराज कोई खास बात नहीं है।” तेनाली राम प्यार से बोला। “नहीं आज मुझे तुम कुछ अलग लग रहे हो। वैसे एक बात है, जब तुम मुझे पहली बार मिले थे, तब तुम्हारा व्यक्तित्व बहुत साधारण था।” तेनाली राम बोला, “महाराज, प्रत्येक व्यक्ति समय के साथ बदलता है। विशेषतः जब उसके पास थोडा बहुत धन भी हो। मैंने आपके द्वारा दिए गए उपहारों से काफी बचत कर ली है।” राजा बोले, “तब तो तुम्हें अपनी बचत का कुछ भाग दूसरों को भी देना चाहिए।” तेनाली राम बोला, “महाराज, अभी मैंने दूसरों को देने के लायक पर्याप्त बचत नहीं की है।” यह सुनकर राजा ने तेनाली राम की दान न करने की प्रवॄति कि लिए उसे काफी लताडा। तेनाली राम ने जब देखा कि उसकी बात का राजा बुरा मान गए हैं तो उसने अपनी गलती स्वीकारकरते हुए महाराज से पूछा कि उसे क्या दान करना चाहिए।
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