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Originally Posted by arvind
भाई छोटु जी, यहा पर बहुत सारे सदस्य एक-दूसरे से मिल चुके है और फोन से भी संपर्क मे रहते है, और तो और, इस फोरम पर मिलकर विभिन्न विषयो पर अपने विचार भी शेयर करते है। बहुत सदस्य तो इसी फोरम के माध्यम से अच्छे मित्र भी बन चुके है। फिर आप कैसे कह सकते है की एक-दूसरे को जानते तक नहीं। और रही बात एक-दूसरे को बेवजह दोषी ठहराने की तो अगर गलत बात को कोई गलत कहता है तो क्या यह आपके नजर मे गलत है? पहले किसी भी फोरम को अच्छी तरह से समझने की कोशिश कीजिये, फिर सबंधित सूत्र मे सबंधित चर्चा कीजिये। अब जैसे ये सूत्र है - "एडल्ट साइट्स : स्वयं का मूल्याँकन", और आप यहा विवाह की परिभाषा पूछ रहे है। क्या इस तरह से सूत्र अपने चर्चा के विषय से भटक नहीं जाएगा? आप इसके लिए सबंधित सूत्र मे जाकर इस प्रश्न को पूछ सकते है, और अगर सबंधित सूत्र नहीं है तो संबन्धित विभाग मे जाकर नया सूत्र बना सकते है।
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अरविन्द भाई जी, क्या मैं यहाँ मैं अपनी बात नहीं कह सकता या सिर्फ बड़े लोगों को ही यहाँ अपनी बात कहने की अनुमति है ? मुझे आश्चर्य के साथ दुःख भी है कि एक प्रभारी होकर भी आप इस प्रकार का बर्ताव करते हैं i किसी को आप ताड़ी पीने वाला बोल देते हैं i क्या छोटे लोगों को फोरम पर अपने विचार रखने की वास्तव में ही इजाजत नहीं है ? क्या फोरम के करता धर्ता इस बारे में कुछ स्पष्ट करेंगे ?
जहां तक मैं समझता हूँ विवाह एक वयस्क विषय है, सिर्फ एक वयस्क विषय और प्रिंस भाई जी ने बिलकुल सही कहा कि अभी तो मेरी बात पूरी भी नहीं हुई और आपने निर्णय दे दिया i
मैं कम पढ़ा लिखा जरूर हूँ लेकिन भोंदू नहीं हूँ जो ये भी नहीं जनता कि मुझे किस विषय पर अपने विचार कहाँ रखने चाहिए i हाँ ये जरूर है कि मेरे हिज्जे गलत हो सकते हैं क्योंकि मैं धीरे धीरे इस लिंक से हिंदी लिखना सीख रहा हूँ i
क्या कोई बताएगा कि मैं अपने विचार यहाँ लिख सकता हूँ या नहीं ?