27-07-2013, 12:53 PM
|
#1
|
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
|
पशुओं की संगत में
पशुओं की संगत में
सोच रहा हूँ क्या मैं पशुओं की संगत में रह सकता हूँ?
वे सारे कितने शांत तथा हैं सारे कितने मग्न स्वयं में;
दूर खड़ा मैं बहुत देर तक उनको देखा करता हूँ,
न ही वे मेहनत से डरते न निज हालत पर करें विलाप;
न अंधकार में बैठ स्वयं के दुष्कर्मों पर वे रोते हैं;
प्रभु के प्रति अपने फर्ज़ों पर न बहसें करके दुखी करेंगे;
कोई पशु न असंतुष्ट, न रहता चीजों के होने न होने से परेशान;
कोई पशु झुकता न देखा दूजे पशु के सम्मुख,
न ही पूर्व सहस्राब्दी की किसी पशु-मूरत के आगे;
भूमंडल पर नहीं पाया है मैंने एक पशु भी ऐसा
जो पात्र अधिक सम्मान का हो,
अथवा अन्य सहोदर से बहुत अधिक मेहनत करता हो.
(एक अंग्रेजी कविता का अनुवाद)
Last edited by rajnish manga; 27-07-2013 at 12:57 PM.
|
|
|