05-08-2013, 07:51 PM | #1 |
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होता है ..... चलता है ......
शादी के बाद रश्मि लाल रंगों में लिपटी पहली बार अपने मायके आई है... गोरे-गोरे हाथ, भरी-भरी चूडियाँ, करीने से लगाया हुआ सिंदूर, बहुत सलीके से पहनी हुई साडी, मंगलसूत्र, डीप कट ब्लाउज, बाजूबंद... कुल मिलकर ऐसी बोलती संगमरमरी मूरत कि कोई पुराना आशिक देख ले तो अबकी तो मर ही जाए... लिखित गाईरेंटी, स्टाम्प पेपर पर, तीन इक्का, खेल खतम.
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तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
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