26-09-2013, 03:05 PM | #1 |
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कन्फ्यूज्ड राजा, कन्फ्यूज्ड प्रजा
कन्फ्यूज्ड राजा, कन्फ्यूज्ड प्रजा
लेखक:अजित सिंह तैमूर एक बार की बात है एक था राजा. बहुत समझदार था .चालाक भी बहुत था .प्रजा भी बहुत समझदार थी .चालाक भी बहुत थी .अब राजा का फ़र्ज़ ठहरा अपने देश की और प्रजा की बाहर के दुश्मनों से और पडोसी राज्यों के हमलों से रक्षा करना .सो उसने एलान किया की हम फ़ौज यानि आर्मी बनायेंगे ......सो उसने बहुत सारे टैक्स प्रजा पे लाद के ,गरीब बच्चों का पेट काट के फ़ौज बनाई. टैंक खरीदे ,बख्तरबंद गाडिया खरीदीं .बहुत सारी तोपें भी खरीदीं .राजा बहुत खुश था ...प्रजा भी खुश थी...आखिर देश में फ़ौज बनी थी.चमचमाते हुए ,भारीभरकम टैंक आये थे ........40 किलोमीटर दूर तक मार करने वाली तोपें आयी थीं ........सो कुछ दिन बड़ा जोश रहा देश में.....बीच चौराहे पर परेड हुई , सारी प्रजा ने उन तोपों को देख के तालियाँ बजाई .........फिर बात आयी गयी हो गयी ....अब लड़ाई कोई रोज़ रोज़ थोड़े ही होती है ........तोपें गोदाम में खड़ी खड़ी बोर होने लगी ....उन्होंने तो सोचा था की काफी सारा एक्शन होगा लाइफ में ...काफी सारा adventure होगा .........पर ये क्या ....यहाँ तो इस शेड में खड़े हैं पिछले दो साल से ...यूँ कहें की पड़े हैं दो साल से .......सो वो तोपें बोरे हो गयीं ....कुछ उनमे से confuse हो गयीं .......राजा तो अपने महल में मस्त था ...उसे कोई टेंशन नहीं थी की पीछे से क्या हो रहा है .....सो बहुत सारी तोपों और बख्तरबंद गाड़ियों और tanks ने decide किया की कुछ और करेंगे ....कुछ ने मुंसीपाल्टी में apply कर दिया की भैया हम तो बोरे हो गए यहाँ खड़े खड़े सो हमें तो लगा लो कूड़ा फेंकने में .....कुछ ने tourism डिपार्टमेंट में apply कर दिया की हम तो tourists की सेवा करेंगे ........उन्हें ही अपनी पीठ पर चढ़ा के घुमाएंगे .......कुछ तोपों ने कहा की हमें तो तैनात कर दो बच्चों के पार्क में .....बच्चे हमारी नाल पे चढ़ के झूला झूलेंगे .........अब मुंसीपाल्टी को क्या फर्क पड़ता है उसे तो कूड़ा फिकवाना है ....फिर कूड़ा चाहे कूड़े वाला ट्रक ढोए चाहे बख्तरबंद गाड़ियां ............पर कुछ तोपें ऐसी थी जिन्होंने कहा की भाई देखो ये गलत है ....we are topes ....and we should remain topes ......सो कुछ तोपें तो खड़ी रही अपनी बैरक में और कुछ मस्ती से कूड़ा ढोती रही ........अब देश में बहस छिड़ गयी की भैया ये क्या हो रहा है ........तो कूड़ा ढोने वाली तोपों ने कहा की आखिर हम भी तो देश की सेवा ही कर रहे हैं .......बात तो पते की थी सो सब चुप हो गए ...राजा भी मस्त हो गया ........प्रजा तो पहले ही मस्त थी. |
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कन्फ्यूज्ड राजा, confused raja, satire |
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