(एक)
आज फिर
तुम्हारा निराकार अस्तित्व
सबको याद आया है
आज फिर एक सलीब
सजाया जा रहा है.
आज फिर
रोशनी की तलाश में
भटकेंगे लोग
आज फिर
तुम्हारे बुत से
तुम्हारी आँखें चुरायी जायेंगी.
यूँ तो यह सब
कई दफा तुमने भी
देखा होगा
फिर भी बताये देता हूँ
पिछली बार की तरह
एक षड़यंत्र है
तुम्हें पूजते पूजते
मार देने का.
तुम्हारे सामने हाथ जोड़
खड़े जब हों
तुम्हारे प्यारे शिष्य
और ऊच्चारण करें तुम्हारे नाम का
अतीव कातर स्वरों में
समझ लेना
बगल की छुरियों से
कोई राम छला जाएगा.
Last edited by rajnish manga; 01-10-2013 at 10:43 PM.