25-01-2011, 02:31 PM | #10 |
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Re: "अमृतवाणी"
पानी स्थिर और निर्मल होता है, परन्तु बाहर की हवा उसे चंचल बना देती है ! उसी तरह उद्वेग हमे असहनशील बन देता है ! चित पर बाहरी हवा अर्थात उद्वेगों का असर नही होगा तो वह विकार शून्य हो जायेगा ! हर परिस्थिति में सहनशील रहना ही भक्त्त की पहचान है ! Water is steady and clean but outer wind makes it restless!
Same way restlessness makes us intolerant! Intellect will be faultless if outer environment or restlessness will not effect it! To be tolerant in every condition is the sign of devotee!
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