31-01-2011, 04:22 PM | #1 |
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प्यार और दोस्ती क्या है
प्यार को बयां करना जितना मुश्किल है महसूस करना उतना ही आसान है। आपको प्यार कब, कैसे और कहां हो जाएगा आप खुद भी नहीं जान पाते। वो पहली नज़र में भी हो सकता है और हो सकता है कि कई मुलाकातों के बाद भी।
प्रेम तीन स्तरों में प्रेमी के जीवन में आता है। चाहत, वासना और आसक्ति के रूप में। इसके अलावा प्रेम से जुड़ी कुछ और बातें भी हैं - प्रेम का दार्शनिक पक्ष- प्रेम पनपता है तो अहंकार टूटता है। अहंकार टूटने से सत्य का जन्म होता है। जहां तक मीरा, सूफी संतों की बात है, उनका प्रेम अमृत है। अन्य रिश्तों की तरह ही प्रेम में भी संमजस्य बेहद ज़रूरी है। आप यदि बेतरतीबी से हारमोनियम के स्वर दबाएं तो कर्कश शोर ही सुनाई देगा, वहीं यदि क्रमबद्ध दबाएं तो मधुर संगीत गूंजेगा। यही समरसता प्यार है, जिसके लिए सामंजस्य बेहद ज़रूरी है। प्रेम का पौराणिक पक्ष- प्रेम के पौराणिक पक्ष को लेकर पहला सवाल यही दिमाग में आता है कि प्रेम किस धरातल पर उपजा-वासना या फिर चाहत....? माना प्रेम में काम का महत्वपूर्ण स्थान है, लेकिन महज वासना के दम पर उपजे प्रेम का अंत तलाक ही होता है। जबकि चाहत के रंगों में रंगा प्यार ज़िंदगीभर बहार बन दिलों में खिलता है, जिसकी महक उम्रभर आपके साथ होती है। |
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