01-02-2011, 06:21 AM | #1 |
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जब आशाएं दम तोड़ती हैं....
आशाएं ज़िन्दगी का आधार हैं, इन्ही के दम पर पर हम हर कदम चलना सीखते हैं.
जीवन के मुश्किल लम्हों में भी ये आशाएं जीवन का आधार बन जाती हैं, और एक तकलीफों की काली रात में भी आने वाले सवेरे की आशा हमें चलने की हिम्मत देती है, और हम चलते रहते हैं उस उजाले की आस में जो दूर-दूर तक दिखाई भी नहीं दे रहा होता है. आशाओं के इस जादुई प्रभाव से ज़िन्दगी के मुश्किल पड़ाव भी आसान हो जाते हैं, और जीवन में कठिनाइयों का सामना करने की ताकत मिलती है. अगर बेहद खूबसूरती से "आशा" की व्याख्या की जाये तो ये कहना कहीं भी गलत नहीं होगा की "आशाएं, इश्वर का एक अनमोल तोहफा है, जो उसने इस श्रृष्टि की सबसे अनमोल रचना "मानव" को सौंपा है. आशाएं, इश्वर के दिए हुए वो पंख है, जिनकी बदौलत हर इंसान,उम्मीदों और ख्वाहिशों के आसमान में उड़ान भरता है, आशाएं जीने का एक जरिया है, ये एक नन्हा सा एहसास है, जो इश्वर की आराधना के जितना पवित्र है." ये आशाएं ओस की बूंदों की तरह नाज़ुक होती हैं जो इंसानो के नयी पत्तियों जैसे कोमल ह्रदय पर मोतियों की तरह सजी रहती हैं, और सपनो के समंदर में गोते लगाता हुआ हर दिल, इन आशाओं को संजो के जीवन के हर पल की गहराई को महसूस करता जाता है. सीधे शब्दों में कहा जाये तो आशाएं, इंसान को जीना सिखाती हैं, ये अपनी कोमलता से हर हृदय को ख्वाहिशों व सपनो की अनमोल दुनिया का रास्ता दिखाती हैं. और हर मासूम दिल इन आशाओं को, अपनी ख्वाबों भरी आँखों में संजोये हुए, जीवन के सफ़र पर चल निकलता है. |
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