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#11 |
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एक दिन धागे ने सुई से कहा - मेरे बिना तेरा क्या वजूद है ?
सुई बोली - किसी के बिना किसी का वजूद पूरा - अधुरा नहीं होता ये सिर्फ सोच है , क्योकि बहुत कुछ एक -दुसरे पर निर्भर करता है वो कौन है जो ज़िन्दगी में आये और मौत के आगोश में न जाये तो ऐसी ज़िन्दगी भला कौन जीता है- इसका जवाब देना फिर उसके बाद अपने वजूद के झूठे भरम का दम भरना . क्योंकि मेरा काम आपस में जोड़ते जाना है मै सिर्फ जोड़ने के लिए हूँ इसलिए धागे का पक्का होना जरुरी है, कच्चे धागे मेरे यकीन को संभाल नहीं सकते .
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Disclaimer......! "फोरम पर मेरे द्वारा दी गयी सभी प्रविष्टियों में मेरे निजी विचार नहीं हैं.....! ये सब कॉपी पेस्ट का कमाल है..." click me
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