My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Art & Literature > Hindi Literature
Home Rules Facebook Register FAQ Community

 
 
Thread Tools Display Modes
Prev Previous Post   Next Post Next
Old 23-08-2014, 11:43 PM   #20
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: मेरी कहानियाँ!!!

माँ को नींद न आ रही थी. लेटे हुये सोच रही थी अपनी बेटी के बारे में. नहीं ... बल्कि उस स्वप्न के बारे में जिसे पिछले कई दिनों से शशि लगभग रोज ही देख रही थी. उसने स्वप्न के विषय में बार बार विचार किया. इस स्वप्न का बार बार दिखाई देना ही इसे रहस्यमय बना रहा था. आम तौर पर हम सपनो को गंभीरता से नहीं लेते क्योंकि सोते हुये व्यक्ति के लिये यह एक सामान्य स्थिति है जिसमें सोचने लायक कुछ अधिक नहीं होता.

हर बार शशि को स्वप्न में जो गठरी दिखाई देती है, वह किस बात का संकेत हो सकता है. शशि ने अक्सर बताया है कि वह इस गठरी को बगल में दबा कर व छुपा कर चलती है जैसे इसमें कोई बहुमूल्य निधि छुपी हो. संभव है कि यह गठरी उसके होने वाले बच्चे की ओर संकेत कर रहा हो. अन्यथा और क्या मतलब हो सकता है, इस सब का? गठरी का यही अर्थ निकलता है. अपने होने वाले बच्चे की समुचित सुरक्षा के लिये हर माँ चिंतित होती है. अपने हालात के मद्दे-नज़र शशि का इस बारे में बहुत संवेदनशील होना किसी प्रकार से आश्चर्यजनक नहीं कहा जा सकता.

बिजली गिरने का क्या अर्थ हो सकता है? माँ सोचने लगी कि शशि ने कभी ज़ाहिर नहीं होने दिया कि उसमे ज़र्रा भर भी कभी हीन भावना आयी हो. माँ अच्छी तरह जानती है कि शशि अपने बचपन से ही बहुत बोल्ड है और सदा चुनौतियों का सामना करने में उसे मजा आता है. माँ का हृदय इस स्वप्न के बारे में कोई निश्चित राय नहीं बना सका.

>>>
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
 

Bookmarks

Tags
दत्तक पुत्र, पूर्वाभास purvabhas, मेरी कहानियाँ, dattak putra, ek tukda maut, galti kee saja, haji abdul sattar, hiteshi kaun, lakshmi, meri kahaniyan, nirman karya, rajnish manga, strike, tiny stories, union tussle


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 11:54 AM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.