12-09-2014, 02:21 PM | #1 |
Diligent Member
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.............मन...............
ऐ मन तू आंसू न बहा न कर कोई गिला शिकवा
यही राहें हैं जीवन की इसपर अब तू चलते जा... खाली था जीवन खाली थी जीवन की ये राहें .... फिर क्यों तुझको अब ये ग़म लगता .... हरदम रहे ग़मों के साये तुझपर , फिर अब क्यूँ ये असुवन वर्षा कभी आये सपन डरावने, खुद को तू मजबूत करता जा .ना डर, कुछ भी नया नही तेरे लिए ये सब,चल उठ अब हिम्मत कर उम्मीदों की किरण संग चल, किरण संग chal और इससे तू अब जूझ जरा, जूझ जरा..... हो सकता है ... जीवन की राहों में मिल जाये कोई नया जहाँ .. कर ले तप तू ,और हर ताप तू सह ले... बन जा, " फुल" उस क्यारी का दयावान हो जिसका बागबां न सोच कल न मिला है और न मिलेगा , कभी तुझे कभी खुशियों का जहाँ और शयद यूं ही चलते चलते बुझ जाएगी ये जीवन की शमा कठोर रहें हो जीवन कीरा हें और हो चले लम्बा रास्ता . तब न छोड़नाये आश जीवन में कभी तो मिलेगा तुझे भी हसता जहां........ |
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