22-12-2014, 07:54 PM | #9 |
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Re: कुछ पल जगजीत सिंह के नाम :देवराज के साथ
तन्हा-तन्हा हम रो लेंगे महफ़िल-महफ़िल गायेंगे,
जब तक आंसू साथ रहेंगे तब तक गीत सुनायेंगे, तुम जो सोचो वो तुम जानो हम तो अपनी कहते हैं, देर न करना घर जाने में वरना घर खो जायेंगे, बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारें छूने दो, चार किताबे पढ़ कर वो भी हम जैसे हो जायेंगे, किन राहों से दूर है मंजिल कौन सा रास्ता आसान है, हम जब थक कर रुक जायेंगे, औरों को समझायेंगे, अच्छी सूरत वाले सारे पत्थर दिल हों मुमकिन है, हम तो उस दिन रायें देंगे जिस दिन धोखा खायेंगे..
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************************************ मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... . तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,... तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये .. एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी, बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी.. ************************************* |
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